
पुलिस कार्रवाई को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, लेकिन लगातार कार्रवाई कर यूपी पुलिस व्यापारियों और कारोबारियों के बीच सुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है।
लखनऊ, (शाह टाइम्स) । उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने गुरुवार को कहा कि यूपी पुलिस कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के प्रति कटिबद्ध है और व्यापारी समाज की सुरक्षा के लिये हरसंभव कदम उठा रही है।
प्रशांत कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का माहौल है। पुलिस कार्रवाई को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, लेकिन लगातार कार्रवाई कर पुलिस व्यापारियों और कारोबारियों के बीच सुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है। पुलिस का काम अपराध पर नियंत्रण करना होता है। अपराध के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।
सुल्तानपुर में सर्राफा कारोबारी के यहां लूट के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होने कहा “ मंगेश यादव लूट में शामिल था और पुलिस जो ऑपरेशन करती है वो न्यायिक और कानून दायरे के भीतर होते हैं। यूपी पुलिस पेशेवर तरीके से कराती है. हमारी पूरी कार्रवाई कानून सम्मत है और हम इसे कोर्ट में साबित भी कर देंगे. इससे पहले भी तमाम मुठभेड़ हुई हैं। अपराधियों के मारे जाने के अलावा यूपी पुलिस के तमाम जवान भी शहीद हुए हैं।”

अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था और एसटीएफ अमिताभ यश ने कहा “ सर्राफ के यहां लूट की इस घटना में विपिन सिंह मुख्य अभियुक्त के तौर पर शामिल रहा है। दुकान की रेकी 13 और 15 को की गई, जिसको लेकर हमारे पास वीडियो है साक्ष्य है. विपिन सिंह, फुरकान और गुर्जर घटना में शामिल थे। इस घटना में मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई और बाइक चोरी करने की घटना मंगेश यादव ने की थी।”
उन्होने कहा कि इस लूट कांड में मंगेश और बाकी लोग शामिल थे. इस घटना को कार्य करने के लिए दो समूह में अपराधी पहुंचे थे। पुष्पेंद्र, डब्लू और सचिन बोलेरो से पहुंचे थे इन लोगों ने जिस समय में ये घटना किया जो सीधे डकैती में शामिल रहे। दुकान के अंदर फुरकान अनुज ,अरबाज ,मंगेश यादव और अंकित यादव घुसे थे। इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद विवेक और दुर्गेश यह लोग दुकान के आसपास घेराबंदी किए हुए थे ताकि कोई समस्या होगी तो यह लोग फायर कर सके पुलिस से बचा सके। ये फायर कर सकते थे, ताकि सबको भगाया जा सके यह सभी चीज सीसीटीवी फुटेज, टेक्निकल विश्लेषण में किया गया है। जो अपराधी गिरफ्तार हुए उनसे पूछताछ में यह सभी चीज क्लियर हुई है इसमें पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर काम किया और घटना का खुलासा किया गया।
एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर ने कहा कि लूट कांड में दो बार रेकी की गई थी जिसमें फुटेज पुलिस के पास उपलब्ध हैं। 13 तारीख को जो रेकी की गई उसमें फुटेज के आधार पर मौके पर विपिन और सचिन थे। इससे पहले वाली रिकी में लोकेशन के आधार पर पता चला इसमें जो दो मोटरसाइकिल थी जिनका इस्तेमाल किया गया। घटना में यह दोनों मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई थी उसका भी फुटेज सामने आया उसके आधार पर अभियुक्त की पहचान की गई। इसके बाद वह बोलेरो जिस व्यक्ति की थी, उसे दो सितम्बर को मुठभेड़ में सुल्तानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. इसका नाम सचिन पुष्पेंद्र डब्लू है।
उन्होने कहा कि लुटेरो के पास से 15 किलो चांदी, मोटरसाइकिल और 38 हजार 500 रूपये नगद मिला था। जब बदमाश भाग रहे थे तब भी कुछ सामान बरामद किया गया था जो ज्वेलर्स से साझा किया था इसमें एसटीएफ और टेक्निकल साक्ष्य वहां की मदद ली गई हो पूरा सीक्वल मैप किया गया जो बोलेरो की उसकी जानकारी ले गई, मास्टरमाइंड है उसने उसने रायबरेली जेल में अपने को सरेंडर किया था इससे पहले सूरत की घटना में अनुज अरबाज फुरकान यह लोग सूरत की घटना में डकैती में शामिल थे और इस मामले में विपिन सिंह ने सरेंडर किया था।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूरी कानूनी कार्रवाई कर हमें पांच दिन का रिमांड मिला था और विपिन सिंह से पूछताछ के बाद जो लोग अरेस्ट हुए, उसमें दुर्गेश महत्वपूर्ण व्यक्ति है। इसके बाद में गिरफ्तारी की गई। विपिन सिंह के पास से 1.2 किलो गोल्ड बरामद हुआ है। बाकी लोगों से भी बरामदगी हुई है। यह देखा गया कि पूरा गिरोह बनाकर घटना को अंजाम दिया गया।
गौरतलब है कि 28 अगस्त सुल्तानपुर के कोतवाली नगर क्षेत्र में दिन में 12:45 पर भारत ज्वैलर्स के यहां डकैती हुई थी। लूट के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर को लेकर लगातार उठ रहे हं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया है। सपा अध्यक्ष ने अपराधी की जाति देखकर उसे मुठभेड़ में मारे जाने की बात तक कही है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि राजनैतिक बयानबाजी का कोई जवाब नहीं है। जो आरोप लगाए जा रहे है, उनका वह पूरी तरह से खंडन करते हैं। पुलिस अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करती है। कोई अधिकारी अगर कोड ऑफ कंडक्ट नही फॉलो करता तो उसपर कार्यवाई होती है। कई बार ऐसा होता है कि अपराधी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नही होता है।
उन्होने कहा “ जब हमने धर्मांतरण का मामले का पर्दाफाश किया था, उस समय भी हम पर सवाल उठाए गए थे मगर कल कोर्ट ने सजा सुनाई तो सबकी जुबान बन्द हो गई।”