
गाजियाबाद की कोठी से चल रहा था ‘फर्जी देश’ का फर्जी दूतावास
नोएडा STF ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया
नोएडा STF ने गाजियाबाद में नकली दूतावास का पर्दाफाश किया, आरोपी के पास से भारी नकदी, फर्जी दस्तावेज और गाड़ियां बरामद।
New Delhi,( Shah Times) । गाजियाबाद के कविनगर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है। यूपी एसटीएफ (नोएडा यूनिट) ने एक आलीशान कोठी पर छापा मारकर फर्जी दूतावास का खुलासा किया है। इस कोठी से न केवल ‘फर्जी एंबेसडर’ हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, बल्कि वह खुद को ऐसे देशों का राजदूत बताता था जो दुनिया के नक्शे पर मौजूद ही नहीं हैं।
फर्जीवाड़े की कहानी: ‘राजदूत’ जिनका कोई देश नहीं
हर्षवर्धन जैन खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia और Lodonia जैसे नामी-गिरामी लगने वाले देशों का एंबेसडर बताता था। लेकिन इन नामों को खोजने पर Google भी असमर्थ है। ये सभी ‘माइक्रोनेशन’ की श्रेणी में आते हैं, यानी ऐसे कथित देश जिनकी कोई वैधानिक मान्यता नहीं है।
👉 West Arctica: अंटार्कटिका का वह क्षेत्र, जिस पर कोई देश दावा नहीं करता।
👉 Saborga: इटली का एक गांव, जिसे कुछ लोग स्वतंत्र राष्ट्र मानते हैं।
👉 Poulvia: अस्तित्वहीन नाम।
👉 Lodonia: स्वीडन में एक कलाकार द्वारा घोषित किया गया काल्पनिक देश।
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🚓 STF की बड़ी कार्रवाई: क्या-क्या बरामद हुआ?
एसटीएफ ने आरोपी के ठिकाने से कई चौंकाने वाले दस्तावेज, नकदी और फर्जी पहचान पत्र बरामद किए। प्रमुख बरामद सामानों में शामिल हैं:
डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी चार लग्जरी गाड़ियां
12 फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
विदेश मंत्रालय की नकली मोहरें
दो फर्जी पैन कार्ड
34 विभिन्न देशों की नकली मुहरें
फर्जी प्रेस कार्ड
44.7 लाख रुपये नकद
विदेशी मुद्रा
18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट
पहले भी दर्ज हो चुका है केस
यह कोई पहली बार नहीं है जब हर्षवर्धन जैन कानून के शिकंजे में आया हो। साल 2011 में अवैध सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में उसके खिलाफ कविनगर थाने में केस दर्ज हो चुका है।
वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसी हस्तियों के साथ मॉर्फ की हुई तस्वीरों का इस्तेमाल कर खुद को प्रभावशाली व्यक्ति साबित करता था। इन्हीं तस्वीरों की मदद से वह लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और मोटी रकम ऐंठता था।
शेल कंपनियों और हवाला रैकेट का जाल
आरोपी ने कई शेल कंपनियों के जरिए हवाला लेनदेन का नेटवर्क भी खड़ा किया था। नकली पासपोर्ट, फर्जी दस्तावेज और डिप्लोमैटिक स्टेटस का दुरुपयोग कर वह न केवल भारतीय कानून व्यवस्था की आंखों में धूल झोंक रहा था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ठगी का रैकेट चला रहा था।
Micronation क्या होते हैं?
माइक्रोनेशन वह समुदाय होते हैं जो खुद को स्वतंत्र देश घोषित करते हैं, लेकिन किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन या सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं होते।
West Arctica: अमेरिका के ट्रैविस मैकहेनरी द्वारा 2001 में घोषित
Lodonia: स्वीडिश कलाकार लार्स विक्स द्वारा विवादित कला पर बने देश
सेबोरगा: इटली का गांव, जिसे कुछ स्थानीय लोग ‘देश’ मानते हैं
⚖️ कानूनी और कूटनीतिक असर
फर्जी दूतावासों के मामले भारत जैसे देश में सुरक्षा और कूटनीतिक व्यवस्था के लिए गहरी चिंता का विषय हैं। इससे केवल देश की छवि को ठेस नहीं पहुंचती, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी गलत संदेश जाता है।
यूपी एसटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई सराहनीय है लेकिन यह सवाल भी उठाती है:
ऐसे रैकेट कब से चल रहे थे?
स्थानीय पुलिस की नजर से इतने साल कैसे बचा रहा?
क्या और भी ‘फर्जी एंबेसडर’ देश में सक्रिय हैं?
बड़ा खुलासा या बड़ी साजिश?
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सिस्टम पर सवाल है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फर्जी पहचान, शेल कंपनियां और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए कोई भी बड़ी हस्ती का मुखौटा ओढ़ सकता है।
अब समय है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां माइक्रोनेशन और उनकी गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखें।