लोकसभा में अमेरिका से लौटे अप्रवासियों के मुद्दे पर हंगामा, कार्यवाही दो बार स्थगित

लोकसभा में अमेरिका से जबरन लौटाए गए अप्रवासियों के मुद्दे पर विपक्ष के संसद में हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस मुद्दे पर राज्यसभा में बयान देंगे।

लोकसभा में हंगामा, कार्यवाही दो बार स्थगित

लोकसभा में गुरुवार को अमेरिका से लौटे अप्रवासियों के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। पहले स्थगन के बाद जब 12 बजे सदन दोबारा समवेत हुआ, तो पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने जानकारी दी कि अध्यक्ष को विभिन्न मुद्दों पर कार्यस्थगन प्रस्ताव मिले थे, लेकिन किसी को भी स्वीकृति नहीं दी गई।

विपक्ष का जोरदार विरोध, सरकार से जवाब की मांग

विपक्षी सदस्य अमेरिका से जबरन भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। इस दौरान सदन में जोरदार नारेबाजी और शोरगुल हुआ। पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने की अपील की, लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अपील बेअसर

सदन की शुरुआत में ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल जारी रखने का प्रयास किया और नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को उत्तर देने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। श्री बिरला ने कहा कि यह मामला विदेश नीति से जुड़ा है और सरकार इस पर संज्ञान ले चुकी है। उन्होंने विपक्ष से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा शांत नहीं हुआ, जिसके कारण कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में दोपहर दो बजे विदेश मंत्री का बयान

राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा गरमाई। सभापति जगदीप धनखड़ ने सूचित किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर गुरुवार दोपहर 2 बजे इस मुद्दे पर बयान देंगे। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी इस मुद्दे को लेकर सभापति से चर्चा की थी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और विदेश मंत्री स्वयं बयान देने के लिए सहमत हुए हैं।

विपक्ष ने सरकार को घेरा, खरगे ने जताई नाराजगी

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अमेरिका में हुई इस घटना पर सरकार को तुरंत जवाब देना चाहिए था। उन्होंने सभापति को धन्यवाद दिया कि उनके निर्देश पर सरकार ने बयान देने पर सहमति जताई।

सरकार का रुख

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने स्वयं सदन में बयान देने का निर्णय लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले को उच्च स्तर पर उठा रही है और प्रभावित भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।