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उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। इस कदम का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है।
New Delhi, (Shah Times)। उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। इस कदम का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया।
2. यूसीसी लागू करने के पीछे का उद्देश्य
इस कानून का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार देना और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना है।
3. यूसीसी के तहत नियमावली और ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत
समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही नियमावली तैयार की गई है। इसके तहत सभी पंजीकरण प्रक्रियाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल ucc.uk.gov.in शुरू किया गया है।
4. अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर सभी पर लागू होगा कानून
उत्तराखंड में लागू यह कानून अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर राज्य के सभी नागरिकों पर लागू होगा।
5. यूसीसी नियमावली के तहत कार्य प्रणाली
ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। नगर पालिकाओं और निगमों में संबंधित अधिकारी जिम्मेदारी संभालेंगे।
6. विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप और तलाक के नए प्रावधान
विवाह का पंजीकरण विवाह तिथि से 60 दिन के भीतर कराना होगा।
लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण एक महीने के भीतर आवश्यक होगा।
तलाक और वसीयत को भी नए नियमों के तहत आसान बनाया गया है।
7. कैसे लागू हुई UCC: एक नजर प्रमुख तारीखों पर
27 मई 2022 – विशेषज्ञ समिति का गठन 02 फरवरी 2024 – विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत 08 मार्च 2024 – राष्ट्रपति द्वारा अधिनियम अनुमोदित 27 जनवरी 2025 – UCC लागू