
Notification issued for three-tier Panchayat elections 2025 in Uttarakhand, preparations for voting in 12 districts except Haridwar – Shah Times Special Report
चरणबद्ध चुनाव कार्यक्रम और नामांकन प्रक्रिया
हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में चुनाव होंगे
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जानिए मतदान की तारीखें, नामांकन प्रक्रिया, मतदाता आंकड़े और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जानकारी।
📅 19 जून 2025 को आरक्षण हुआ फाइनल, 21 जून को अधिसूचना जारी
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया अब अपने निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी है। 19 जून को पंचायत चुनाव के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई, जिसके बाद राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने प्रेसवार्ता कर 21 जून को अधिसूचना जारी करने की घोषणा की। चुनाव की प्रक्रिया हरिद्वार जनपद को छोड़कर राज्य के अन्य 12 जनपदों में संपन्न कराई जाएगी।
🗳️ पंचायत चुनाव 2025: चुनाव कार्यक्रम का विवरण
- 23 जून: जिलाधिकारियों द्वारा विस्तृत अधिसूचना
- 25-28 जून (8 AM – 4 PM): नामांकन दाखिल करने की अवधि
- 29 जून से 1 जुलाई तक: नामांकन पत्रों की जांच
- 2 जुलाई: नाम वापसी की अंतिम तिथि
- 3 जुलाई: पहले चरण के प्रतीक चिन्हों का आवंटन
- 8 जुलाई: दूसरे चरण के प्रतीक चिन्हों का आवंटन
- 10 जुलाई: पहले चरण का मतदान
- 15 जुलाई: दूसरे चरण का मतदान
- 19 जुलाई: दोनों चरणों की मतगणना
🔖 मतपत्रों का रंग निर्धारण
- ग्राम पंचायत सदस्य: सफेद मतपत्र
- ग्राम प्रधान: हरा मतपत्र
- क्षेत्र पंचायत सदस्य: नीला मतपत्र
- जिला पंचायत सदस्य: गुलाबी मतपत्र
📊 आंकड़ों की नजर से पंचायत चुनाव
- कुल पद: 66,000+
- ग्राम पंचायत सदस्य पद: 55,587
- कुल मतदाता: 47,47,700
- पुरुष: 24,65,702
- महिला: 23,20,996
- ट्रांसजेंडर: 374 (पहली बार हिस्सा)
- नए मतदाता: 4,56,793 (10.5%)
👮♀️ चुनाव व्यवस्था की ताकत
- कर्मचारी-अधिकारी: 95,000
- सुरक्षा बल: 35,700
- वाहन: 5,600 से अधिक
- पोलिंग स्टेशन: 8,276
- पोलिंग बूथ: 10,529
- प्रेक्षक: सामान्य 52, कुल 67
- जनता के लिए हेल्पलाइन: 18001804280 (टोल फ्री)
🏔️ भूगोल और मानसून के अनुसार चरण निर्धारण
राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण में अधिक दूरस्थ और मानसून प्रभावित ब्लॉकों को शामिल किया है, जबकि दूसरे चरण में उन ब्लॉकों को रखा गया है जहाँ मतदान प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होगी। उदाहरण के तौर पर, अल्मोड़ा जिले के 6 ब्लॉक पहले चरण में और 7 ब्लॉक दूसरे चरण में शामिल किए गए हैं।
बागेश्वर जिला पहले चरण में ही कवर किया जाएगा।
🛡️ सुरक्षा और सुविधा व्यवस्था
हर जनपद में 3-3 टीमें गठित की जाएंगी जो शराब, नकदी, अन्य प्रलोभनों की निगरानी करेंगी। मतदान स्थल तय करने में डीएम को विवेकाधिकार दिया गया है ताकि स्थानीय सुविधा के अनुसार स्थान निर्धारित हो सके।
ग्राम और ब्लॉक पंचायतों की मतगणना ब्लॉक स्तर पर और जिला पंचायत की मतगणना जिला स्तर पर की जाएगी।
आपातकालीन स्थितियों के लिए राज्य सरकार ने 10 लाख रुपये प्रति घटना की राशि सुरक्षित रखी है।
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियों को व्यापक रूप से अंजाम दिया जा रहा है। मतदान और मतगणना प्रक्रिया के लिए कुल 95,909 कार्मिकों की तैनाती की जाएगी, जिनमें 11,849 पीठासीन अधिकारी, 47,910 मतदान अधिकारी, और 450 प्रशासनिक अधिकारी (जैसे मजिस्ट्रेट, नोडल या प्रभारी अधिकारी) शामिल हैं। इसके अलावा 35,700 सुरक्षा बल के जवान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैदान में रहेंगे। चुनावी परिवहन व्यवस्था के लिए 5,620 वाहन भी लगाए जाएंगे, जिनमें 3,342 हल्के और 2,278 भारी वाहन शामिल हैं। पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 67 पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की जा रही है, जिनमें 55 सामान्य और 12 आरक्षित पर्यवेक्षक शामिल हैं।
अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए भी विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। अवैध शराब, नकदी और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीमें बनाई जाएंगी। प्रत्येक जिले में एक व्यय प्रभारी अधिकारी भी तैनात किया जाएगा, जो प्रतिदिन जब्त की गई सामग्री की रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा। इसके अलावा, मतदान व मतगणना कार्मिकों की नियुक्ति सॉफ्टवेयर आधारित रेंडमाइजेशन प्रणाली से की जाएगी, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 10 जुलाई को होगा, जिसमें कुल 50 विकासखंडों में वोट डाले जाएंगे, जैसे — ताकुला, खटीमा, सितारगंज, गदरपुर, लोहाघाट, बागेश्वर, मोरी, पुरोला, देवाल, थराली, डीडीहाट, मुनस्यारी, धारी, ओखलकांडा, और अगस्त्यमुनि सहित अन्य ब्लॉक शामिल हैं।
वहीं, दूसरे चरण का मतदान 15 जुलाई को होगा, जिसमें सल्ट, स्याल्दे, हल्द्वानी, काशीपुर, रामनगर, जसपुर, चंपावत, पोखरी, दशोली, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, नरेंद्रनगर, डोईवाला, यमकेश्वर, जयहरीखाल, पौड़ी, कोट, द्वारीखाल सहित अन्य प्रमुख 50 से अधिक विकासखंडों में मतदान कराया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग द्वारा की गई ये तैयारियां यह दर्शाती हैं कि इस बार के पंचायत चुनावों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और प्रशासनिक कुशलता की त्रिसंधि को प्राथमिकता दी गई है।
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लोकतंत्र की जड़ों में पंचायत चुनाव की अहमियत
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पंचायत चुनावों की भूमिका सिर्फ स्थानीय शासन की नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक जागरूकता की नब्ज को मापने का जरिया भी बनती है। इस बार के चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय की पहली बार भागीदारी, 10.5% नए मतदाता, और हर जनपद में निगरानी टीमों की तैनाती स्पष्ट संकेत देती है कि राज्य चुनाव आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दे रहा है।
वार्षिक वर्षा और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद चुनाव आयोग ने जो व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया है—उससे न सिर्फ जन विश्वास में इज़ाफा होगा, बल्कि स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। ग्रामीण जनता अब पहले से अधिक जागरूक है और सिर्फ वादों से नहीं, बल्कि जमीनी काम से ही वोटों की उम्मीद की जा सकती है। सोशल मीडिया पर बढ़ती उपस्थिति और चुनावी सतर्कता इसे और भी प्रतिस्पर्धात्मक बनाती है।