
Collapsed Gambhira River bridge in Vadodara, Gujarat where multiple vehicles plunged into the river – Shah Times
Vadodara Bridge Collapse : PM मोदी ने जताया दुख, मुआवजे का एलान
Vadodara Bridge Collapse : 9 लोगों की जान गई, NDRF और फायर ब्रिगेड रेस्क्यू में जुटे
गुजरात के वडोदरा में 40 साल पुराना गंभीरा नदी पुल अचानक ढह गया, जिससे कई वाहन नदी में गिर गए। हादसे में 9 लोगों की मौत और 9 को रेस्क्यू किया गया। पीएम मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए मुआवजे का एलान किया है। बचाव कार्य जारी है।Vadodara Bridge Collapse
गुजरात में बड़ा पुल हादसा: 40 साल पुराना पुल ढहा, 9 की मौत, राहत कार्य जारी
Ahmadabad,(Shah Times) । गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। महिसागर नदी पर बने वडोदरा-आणंद को जोड़ने वाले गंभीरा पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे कई वाहन नदी में गिर गए। यह पुल लगभग 900 मीटर लंबा और 1985 में निर्मित था। हादसा सुबह करीब 7:30 बजे हुआ जब पुल पर से गुजरते समय दो ट्रक, एक बोलेरो SUV और एक पिकअप वैन नदी में समा गए।Vadodara Bridge Collapse
अब तक 9 की मौत, 9 को रेस्क्यू किया गया
वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया के अनुसार, अब तक 9 शव बरामद किए गए हैं और 9 लोगों को बचाया गया है। बचाव कार्य में स्थानीय तैराक, फायर ब्रिगेड, नगर निगम की टीमें, और NDRF की यूनिट जुटी हुई हैं। मौके पर राहत और बचाव अभियान तेजी से चल रहा है।Vadodara Bridge Collapse
पुल ढहने की वजह क्या?
इस पुल का निर्माण 1985 में हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, इसकी मरम्मत और रखरखाव नियमित रूप से होता रहा है, लेकिन हादसे की असली वजह का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक विशेषज्ञों की टीम को घटनास्थल भेजने और दुर्घटना की कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं।Vadodara Bridge Collapse
पीएम मोदी और अमित शाह ने जताया दुख, किया मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा:
“गुजरात के वडोदरा जिले में पुल के ढहने की खबर बेहद दुखद है। मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त की और कहा कि NDRF की टीम मौके पर मौजूद है और राहत कार्य में लगी हुई है।
Shah Times E-Paper 9 July 2025
घटनास्थल से दिल दहलाने वाले दृश्य
मौके से मिले वीडियो में देखा जा सकता है कि पुल का एक बड़ा स्लैब दो पिलर्स के बीच से पूरी तरह टूटकर नदी में गिर गया। एक टैंकर और बाइक अभी भी पुल के टूटे हिस्से में लटके हुए नजर आए। घटनास्थल पर मौजूद फायर ब्रिगेड अधिकारी और पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया।
स्थानीय लोगों की भूमिका
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग भी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को मलबे से निकालने में मदद की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दुर्घटना से पहले तेज धमाके जैसी आवाज सुनाई दी थी।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा, उठाए सवाल
कांग्रेस नेता अमित चावड़ा और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुल की हालत खराब होने की जानकारी प्रशासन को पहले ही दी गई थी।
“हमने बार-बार सरकार को चेतावनी दी थी कि पुल जर्जर स्थिति में है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार की लापरवाही के कारण आज ये हादसा हुआ है।” – अमित चावड़ा
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार गुजरात के सभी पुलों का ऑडिट कराए और उनकी फिटनेस रिपोर्ट सार्वजनिक करे।
भूपेंद्र पटेल का एक्शन मोड: जांच के आदेश, सहायता का भरोसा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा कलेक्टर को घायलों के त्वरित इलाज और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के साथ है और हर संभव सहायता की जाएगी। साथ ही, सड़क और भवन निर्माण विभाग को भी तुरंत जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
तकनीकी जांच और वैकल्पिक मार्गों की मांग
घटना के बाद से कई वाहन चालकों को यातायात अवरोध का सामना करना पड़ा। कांग्रेस और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था और तत्काल ब्रिज ऑडिट की मांग की है।
राज्य स्तरीय जांच आवश्यक
इस हादसे ने राज्य की इन्फ्रास्ट्रक्चर निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते जांच और मरम्मत हुई होती, तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी।
निष्कर्ष: जिम्मेदारी तय हो और भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए
गुजरात में वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाला गंभीरा पुल केवल एक संरचना नहीं, बल्कि हजारों लोगों की दैनिक जरूरत का मार्ग था। अब जब यह पुल टूट गया है, तो इसके पीछे की लापरवाही, जिम्मेदारियों और प्रशासनिक विफलताओं की जांच बेहद जरूरी है।
सरकार को चाहिए कि सभी पुराने पुलों की तुरंत सुरक्षा जांच, नए मानकों के अनुसार मूल्यांकन, और सार्वजनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करे, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।