नई दिल्ली । भारत अपनी सांस्कृतिक धरोहर की शक्ति और युवा एवं नारी शक्तिकरण के प्रयासों के बल पर एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है और शान्तिगिरि आश्रम प्रगति (Shantigiri Ashram Pragati) के इस महत्वपूर्ण कार्य में अभूतपूर्व योगदान दे रहा है, भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने आज यहां कहा। आश्रम की साकेत-स्थित शाखा में नवनिर्मित रजत जयंती सेंटर (Silver Jubilee Center) का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि वह शान्तिगिरि के वातावरण एवं मूल्यों से पूरी तरह से ऊर्जित हो कर जा रहें हैं।
नवज्योति श्रीकरुणाकरगुरु के मार्गदर्शन पर आधारित शान्तिगिरि आश्रम (Shantigiri Ashram) की दिल्ली शाखा ने 25 सालों में सामाजिक बदलाव के क्रांतिकारी परिवर्तन की नींव रखी है। शान्तिगिरि आश्रम (Shantigiri Ashram) के नारी शक्तिकरण एवं युवाओं के कौशल विकास प्रशिक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा भारत सरकार भी इसी
संपूर्ण विकास की चेष्टा के साथ आगे बढ़ रही है। नारी शक्तिकरण (women empowerment) को मानव विकास का आधार बताते हुए उपराष्ट्रपति ने उन 22 संन्यासिनियों का अभिनंदन किया जिन्होंने हाल ही में शान्तिगिरि आश्रम (Shantigiri Ashram) में संन्यास की दुर्लभ एवं चुनौतीपूर्ण राह चुनी है।
आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा को स्वास्थ्य सेवा में ‘गेम चेंजर’ बताते हुए उन्होंने कहा कि शान्तिगिरि आश्रम इस क्षेत्र में सक्रिय है। युवाओं को अवसर प्राप्त होंगे तो देश बहुत आगे बढ़ेगा। स्वास्थ्य अनिवार्य है और मेंटल हेल्थ के लिए आश्रम को पहल करनी चाहिए , उन्होंने कहा के वी थॉमस, केरल सरकार के दिल्ली में विशेष प्रतिनिधि, ने कहा कि शांतिगिरि आश्रम शान्ति, प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है। बंजर भूमि में स्थापित किया शान्तिगिरि आश्रम आज एक जीवंत स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक केंद्र है।
शशि थरूर (Shashi Tharoor,), सांसद, ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि वह पन्द्रह सालों से आश्रम से संबंधित हैं। अन्धकार से घिरे हुए लोगों के लिए आश्रम प्रकाश और समाधान का स्रोत है। नवज्योति श्रीकरुणाकरगुरु ने सामाजिक बेड़ियों को तोड़ कर सामूहिक एकता की राह दिखाई है। कोविड के दौरान दिल्ली शाखा ने अमूल्य स्वास्थ्य सेवा प्रदान की।
नक्सलियों प्रभावित क्षेत्रों में बेरोज़गार युवाओं को आयुर्वेद पंचकर्म में प्रशिक्षण एवं रोज़गार दे कर शान्तिगिरि आश्रम ने एक ऐतिहासिक कार्यक्रम की पहल की है।उपराष्ट्रपति के आश्रम पहुंचने पर आश्रम प्रेज़िडेंट स्वामी चैतन्य ज्ञान तपस्वी और जनरल सेक्रेटरी स्वामी गुरुरत्नम् ज्ञान तपस्वी, एवं सांसद शशि थरूर ने धनकड़ का आश्रम के मुख्य द्वार पर स्वागत किया।
आश्रम में पौधारोपण के बाद धनकड़ ने प्रार्थना कक्ष में पुष्प समर्पण किया। उसके पश्चात् धनकड़ ने आश्रम की गुरुस्थानीय अभिवन्द्या शिष्यपूजिता अमृता ज्ञान तपस्विनी के दर्शन किए।आज के समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेता पी के कृष्णदास एवं ए एन राधाकृष्णन, स्वामी चैतन्य ज्ञान तपस्वी, स्वामी गुरुरत्नम् ज्ञान तपस्वी और जननी गुरुचन्द्रिका ज्ञान तपस्विनी भी उपस्थित थे।
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नवज्योति श्रीकरुणाकरगुरु द्वारा स्थापित, केरल-स्थित शान्तिगिरि आश्रम धर्मनिरपेक्ष आध्यात्मिकता और मानव सेवा का एक ज्वलंत उदाहरण है। पिछले 25 वर्षों से आश्रम राजधानी दिल्ली में आध्यात्मिक सद्भावना, स्वास्थ्य सेवा, कौशल प्रशिक्षण जैसे अनेक क्षेत्रों में सक्रिय है। शान्तिगिरि आश्रम दिल्ली शाखा की रजत जयंती के उपलक्ष्य पर आश्रम की साकेत-स्थित शाखा में नवंबर सत्रह से बीस तक अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
इस उपलक्ष्य पर आश्रम की गुरुस्थानीय अभिवन्द्या शिष्यपूजिता अमृता ज्ञान तपस्विनी नवंबर सोलह से इक्कीस तक दिल्ली की तीर्थयात्रा कर रहीं हैं।एक-वर्षीय रजत जयंती समारोह का उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नवंबर सत्रह को किया। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता केंद्र विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण ने की। नवंबर अठारह को अभिवन्द्या शिष्यपूजिता ने दिल्ली के और बाहर से आए भक्तजनों को दर्शन दिया। शांतिगिरि आश्रम के सिल्वर जुबली सेन्टर में स्थित प्रार्थना कक्ष का अभिषेक शिष्यपूजिता ने किया और इस में ओंकार प्रतिष्ठा स्थापित की। आश्रम में स्थित ध्यान मठ में उन्होंने नवज्योति श्रीकरुणाकरगुरु के रेखाचित्र का अनावरण किया। दोपहर में सार्वजनिक सम्मेलन एवं शाम को दीप प्रदक्षिणा आयोजित किए गए।