रूस की जासूस मानी जाने वाली व्हेल की मौत, नार्वे में मिला शव

रूस की जासूस मानी जाने वाली सफेद बेलुगा व्हेल ‘ह्वाल्दिमिर’ की मौत गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 31 अगस्त को नॉर्वे के रिसाविका खाड़ी में मछली पकड़ने गए पिता-पुत्र को व्हेल का शवपानी में तैरता हुआ दिखाई दिया।

शाह टाइम्स। रूस की जासूस मानी जाने वाली सफेद बेलुगा व्हेल ‘ह्वाल्दिमिर’ की मौत गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 31 अगस्त को नॉर्वे के रिसाविका खाड़ी में मछली पकड़ने गए पिता-पुत्र को व्हेल का शवपानी में तैरता हुआ दिखाई दिया।

जानकारी के अनुसार 14 फीट लंबी इस व्हेल की उम्र लगभग 15 साल थी। वजन 1,225 किलो था। इसके शव को क्रेन से निकाला गया। अभी मौत की वजह का पता नहीं चल पाता है। मगर आशंका जताई जा रही है कि किसी बड़ी नाव की टक्कर से मौत हुई होगी। हालांकि उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं मिले हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुत प्यारी थी व्हेल

फीट लंबी और 2700 पाउंड वजनी इस व्हेल को पांच वर्ष पहले कैमरे के लिए डिजाइन किए गए हार्नेस के साथ देखा गया था। इतना ही नहीं इस व्हेल के हार्नेस पर सेंट पीटरबर्ग के उपकरण के निशान बन हुए थे। इसी के बाद ही सोशल मीडिया पर उसको जासूस ह्वाल्डिमिर व्हेल का नाम दिया गया था। बताया जाता है कि यह व्हेल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बहुत प्यारी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ह्वाल्डिमिर व्हेल रूस के जानवरों को जासूस बनाए जाने के प्रोजेक्ट का एक हिस्सा थी। हालांकि इस दावे को रूस ने कभी भी खुलकर स्वीकार नही किया है।

कहां रहती थी सफेद ह्वेल

ह्वाल्डिमिर की रक्षा की जिम्मेदारी नॉर्वे के एक एनजीओ मरीन माइंड के पास थी। एनजीओ के संस्थापक ने सेबेस्टियन स्ट्रैंड ने व्हेल की मौत पर कहा कि यह दिल तोड़ने वाली घटना है। उसने नॉर्वे में हजारों लोगों को दिल छू लिया है। बीते वर्ष ही नॉर्वे ने देश के नागरिकों से अपील किया था, कि वे ह्वाल्डिमिर के संपर्क में आने से बचें, जिसे ओस्लो के करीब देखा गया था। नॉर्वे के फिसरीज मंत्रालय ने देश के नाविकों को सावधान करते हुए कहा था कि इस व्हेल से छोटी नावों को खतरा हो सकता है। वहीं यह सफेद व्हेल अपने आखिरी दिनों में आंतरिक ओस्लोफजॉर्ड में रहती थी।

पुतिन के नाम पर रखा गया था व्हेल का नाम

व्हेल को करीब से देखने पर उसके गले में एक पट्टा देखा गया था। शरीर पर कैमरे के साथ मशीनें भी लगी हुई थीं जिस पर रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग का नाम लिखा हुआ था। रूसी नौसेना को व्हेल को ट्रेनिंग देने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि इसे रूस का जासूसी व्हेल माना जाने लगा।

ह्वाल्दिमिर के बारे में पश्चिमी मीडिया में दावा किया गया कि यह जानवरों को जासूस बनाने वाले रूसी प्रोजेक्ट का हिस्सा थी। हालांकि, रूस ने कभी भी इसे नहीं माना। व्हेल को नॉर्वे में ह्वाल कहा जाता है। इसके बाद ह्वाल और रूसी राष्ट्रपति के नाम को मिलाकर इसे सोशल मीडिया पर ह्वाल्दिमिर जासूस व्हेल कहा जाने लगा। बेलुगा व्हेल आम तौर पर ठंडे आर्कटिक महासागर में रहती हैं। लेकिन ह्वाल्डिमिर इंसानों के बीच आसानी से रह लेती थी। वह इंसानों के साथ डॉल्फिन की तरह खेलती थी।

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