अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति के तहत 18,000 भारतीयों को निर्वासित किया जा सकता है। जानें इस फैसले का भारत पर क्या असर पड़ेगा।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की सख्त नीति और भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों को लेकर पहली फ्लाइट नई दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। अमेरिकी प्रशासन ने सी-17 सैन्य विमान के जरिए इन प्रवासियों को भारत वापस भेजने की पुष्टि की है। यह घटनाक्रम डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की उस सख्त नीति का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को निर्वासित करने का निर्णय लिया गया है।
अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों की स्थिति
अनुमानों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। यह संख्या मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद तीसरी सबसे बड़ी है। ट्रंप प्रशासन ने प्रारंभिक रूप से 15 लाख अवैध प्रवासियों की सूची तैयार की है, जिसमें 18,000 भारतीय नागरिक शामिल हैं।
ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिका में सबसे बड़े सामूहिक निर्वासन अभियान की घोषणा की थी। अब इस नीति को अमल में लाते हुए अमेरिका ने हजारों प्रवासियों को देश छोड़ने के लिए बाध्य कर दिया है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अपने नागरिकों की वापसी के लिए तैयार है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि जो लोग अवैध रूप से अमेरिका गए हैं, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस लाया जाए।
अमेरिकी नीति और इसके प्रभाव
राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा: डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि अवैध अप्रवासी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
सीमा सुरक्षा कड़ी: अमेरिकी सरकार ने मैक्सिको सीमा पर सख्त निगरानी बढ़ा दी है और दीवार निर्माण को तेज कर दिया है।
ग्वांतानामो बे में नजरबंदी: जिन अप्रवासियों की नागरिकता की पुष्टि नहीं हो पा रही है, उन्हें अस्थायी रूप से ग्वांतानामो बे जेल में रखा जा रहा है।
क्या यह ट्रंप की चुनावी रणनीति है?
अमेरिका में इस नीति को ट्रंप के चुनावी प्रचार का हिस्सा माना जा रहा है। ट्रंप प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि वे अमेरिका की सीमा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
भारत पर असर
रोजगार और प्रवासन नीति पर प्रभाव: यह कदम भारतीय प्रवासियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है, क्योंकि अमेरिका कई भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण रोजगार गंतव्य है।
भारत-अमेरिका संबंध: यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक वार्ता का अहम मुद्दा बन सकता है।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों की वापसी न केवल एक मानवीय मुद्दा है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति से भी जुड़ा हुआ है। जहां एक ओर अमेरिका अपनी सुरक्षा और आंतरिक नीतियों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है, वहीं दूसरी ओर भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से वापस लाने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिससे भारत-अमेरिका के संबंधों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
Deportation of illegal immigrants from US: What does it mean for Indians?
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