
Illustration showing RBI's repo rate cut and reduced interest rates by Indian banks, impacting EMIs and lending trends- Shah Times
RBI के रेपो रेट में कटौती के बाद, 5 बैंकों ने लोन सस्ते किए। EMI में राहत की उम्मीद।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 0.50% की कटौती के बाद, PNB, BOI, यूको बैंक समेत कई बैंकों ने लोन दरों में राहत दी है। जानिए किस बैंक का कौन सा लोन कितना सस्ता हुआ।
🔍 शाह टाइम्स टाइम्स विशेष रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 6 जून 2025 को रेपो रेट में 0.50% (50 बेसिस पॉइंट) की कटौती की गई है, जिससे यह दर अब 6.00% से घटकर 5.50% हो गई है। इस फैसले का असर देश के प्रमुख सार्वजनिक और निजी बैंकों पर भी साफ नजर आया, जिन्होंने तुरंत अपनी कर्ज दरों में कटौती का ऐलान किया है।
📉 कौन-कौन से बैंक लोन सस्ते कर रहे हैं?
1️⃣ पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
देश का अग्रणी सार्वजनिक बैंक PNB ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 0.50% घटा दिया है।
- नया RLLR: 5.5%
- नई दरें लागू होंगी: 9 जून 2025
- होम लोन की शुरुआत: 7.45%
- ऑटो लोन की शुरुआत: 7.8%
2️⃣ बैंक ऑफ इंडिया (BOI)
रेपो बेस्ड लेंडिंग रेट (RBLR) में 8.85% से घटाकर 8.35% किया गया।
- लाभ: नई और मौजूदा दोनों कैटेगरी के लोन धारकों को राहत
- प्रभावी तिथि: 6 जून 2025
3️⃣ करूर वैश्य बैंक (KVB)
मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती:
- 6 माह MCLR: 9.9% से घटकर 9.8%
- 1 साल MCLR: 10% से घटकर 9.8%
4️⃣ इंडियन बैंक
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट:
- पुरानी दर: 8.7%, नई दर: 8.2%
- नई दरें लागू होंगी: 9 जून 2025
5️⃣ यूको बैंक
- MCLR में 0.10% की कटौती
- सभी टेन्योर पर प्रभावी
- लागू तिथि: 10 जून 2025
📊 आम आदमी को कैसे मिलेगा फायदा?
- EMI होगी कम: मौजूदा ग्राहकों की मासिक किस्तों में राहत मिलेगी।
- नई खरीदारी के लिए अनुकूल माहौल: होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ते होने से बाजार में मांग बढ़ेगी।
- मध्यम वर्ग को आर्थिक संबल: ब्याज दरों में कमी सीधे तौर पर परिवारों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगी।
🔎 संपादकीय दृष्टिकोण:
RBI के इस फैसले को महंगाई नियंत्रण और मांग को प्रोत्साहित करने की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है। कोविड के बाद अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के कई प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कड़ी है। साथ ही, रेपो रेट में यह बड़ी कटौती बैंकों की क्रेडिट पॉलिसी में लचीलापन और ग्राहकों की प्राथमिकता को दर्शाती है।
🧠 क्या यह दीर्घकालिक राहत है?
इस प्रश्न का उत्तर कई कारकों पर निर्भर करेगा—महंगाई की गति, वैश्विक आर्थिक दबाव, और भविष्य में RBI की मौद्रिक नीतियां। फिलहाल, यह निर्णय बाजार में सकारात्मकता लाता है और उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत देता है।
📌 निष्कर्ष:
रेपो रेट में 0.50% की कटौती निश्चित रूप से लोन धारकों और आर्थिक गतिविधियों के लिए राहतभरी खबर है। आम आदमी को चाहिए कि वो इस अवसर का लाभ उठाए और सस्ती ब्याज दरों में वित्तीय योजनाएं बनाए।
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