योगी ने दिया मोदी को श्रेय ‘मील का पत्थर’ साबित होगी जी 20 समिट

“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुई जी 20 समिट अपने लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ चली है

लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर भाव की सिद्धि में जी-20 समिट (G-20 summit) ‘मील का पत्थर’ साबित होगी।

उन्होने पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को इसका श्रेय देते हुए समिट को दुनिया के लिए मील का पत्थर करार दिया। योगी ने सोशल मीडिया पर अपने हैंडल से पोस्ट की श्रृंखला के माध्यम से इस भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की और साथ ही समिट में नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से अपनाए जाने को ऐतिहासिक बताते हुए सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आभार जताया।

जी 20 हैशटैग का उपयोग करते हुए अपने पहले पोस्ट में उन्होने लिखा, “ पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के यशस्वी नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुई जी 20 समिट (G-20 summit) अपने लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ चली है। वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर भाव की सिद्धि में यह समिट ‘मील का पत्थर’ साबित होगी।” अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने सदस्य देशों का आभार जताया। उन्होंने लिखा, “ भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को जी 20 (G-20) के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति के साथ अपनाया जाना ऐतिहासिक है। समृद्ध भविष्य के लिए सहयोग की भावना के साथ किए गए इन प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जी 20 (G-20) के सभी सदस्यों का आभार। ”

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तीसरी पोस्ट में सीएम ने समिट में भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ (African union) को जी 20 (G-20) का स्थाई सदस्य बनाए जाने पर भी हर्ष जताया। उन्होंने लिखा,“ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा प्रदत्त ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ मंत्र मानवता के लिए एक उज्ज्वल मार्गदर्शिका बन गया है। भारत के विशेष प्रयासों से अफ्रीकी संघ को प्राप्त जी 20 की स्थायी सदस्यता इसी सर्वसमावेशी भावना का सुफल है।”

उन्होंने लिखा कि भोजन, जल, शिक्षा, चिकित्सा, आतंकवाद, अस्थिर अर्थव्यवस्था, अशांति, अविश्वास जैसी अनेक समस्याओं का स्थायी समाधान भी इसी मंत्र में अंतर्निहित है। विश्व-कल्याण के लिए सभी राष्ट्रों को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ दर्शन को आत्मसात कर मानव केन्द्रित अप्रोच के साथ आगे बढ़ना ही होगा।

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