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मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने से पहले योगी सरकार को गुजरात हाई कोर्ट का फैसला पढ़ लेना चाहिए - Shah Times

मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने से पहले योगी सरकार को गुजरात हाई कोर्ट का फैसला पढ़ लेना चाहिए

योगी जी ने पुलिस को अपराधियों को पकड़ने के बजाए लाउड स्पीकर और हलाल का टैग चेक करने में लगा दिया है लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा है कि योगी सरकार (yogi government) में अपराधियों के हौसले इसलिए बुलंद हो गए हैं कि पुलिस का काम अब अपराधियों को पकड़ने के बजाए जनरल स्टोरों पर बिकने वाले सामानों पर लगा हलाल का लोगो चेक करना और मस्जिदों पर से लाउड स्पीकर उतारना हो गया है। उन्होंने योगी सरकार से गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को भी पढ़ने की मांग की जिसमें उसने मस्जिदों पर से लाउड स्पीकर हटाने की मांग को खारिज कर दिया है। व्हाट्सएप पर शाह टाइम्स चैनल को फॉलो करें कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति के पास इतना समय नहीं हो सकता कि वो छोटे छोटे मुद्दों को राजनीति का विषय बना दे। सबसे बड़े राज्य में क़ानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है। महिलाएं देर शाम को घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं। ऐसे में योगी जी को पुलिस पेट्रोलिंग और चुस्त दुरुस्त करने की चिंता करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने पूरी पुपिस फोर्स ही हलाल का मार्क और मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने में लगा दिया है। ऐसा लगता है कि हलाल के टैग और मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकरों के कारण ही प्रदेश के अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के उस फैसले का स्वागत किया है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा मस्जिद से लाउड स्पीकर हटाने के लिए दाखिल पीआईएल को ख़ारिज कर दिया गया है। जस्टिस सुनीता अग्रवाल (Justice Sunita Aggarwal) और जस्टिस अनिरुद्ध माई ( Justice Anirudh Mai) की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि 10 मिनट से भी कम समय में होने वाले अज़ान से कैसे ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) फैल सकता है। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि अगर मन्दिर में बजने वाले भजनों और घंटों से ध्वनि प्रदूषण नहीं फैलता तो अज़ान से कैसे फैल सकता है। #ShahTimes

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