
Aligarh - Harigarh
अंग्रेज़ भी चाहते थे कि संघ अलीगढ़ का नाम बदलने के लिए अभियान चलाए-
लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा अलीगढ़ (Aligarh) का नाम बदलकर हरिगढ़ (Harigarh) करने की कोशिश को अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने देश के साझे इतिहास और संस्कृति पर हमला बताते हुए इसे देश को भावनात्मक आधार पर खंडित करने का प्रयास बताया है।
कांग्रेस (Congress ) मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि अंग्रेज़ भी चाहते थे कि हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) और आरएसएस (RSS) अलीगढ़ (Aligarh) समेत मुस्लिम नामों वाले शहरों के नाम बदलने का अभियान चलाएं ताकि देश में सांप्रदायिक विभाजन बढ़े। आज योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अलीगढ़ (Aligarh) का नाम बदलकर अंग्रेज़ों के उसी सपने को पूरा करना चाहती है।
शाहनवाज़ आलम (Shahnawaz Alam) ने कहा कि रामपुर और सीतापुर (Rampur and Sitapur) के नवाब हमेशा से मुस्लिम ही रहे लेकिन उन्होंने हिंदू देवी देवताओं के नाम पर बसे इन दोनों शहरों के नामों को बदलने की बात कभी सोची भी नहीं। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को इन मुस्लिम नवाबों से शासन चलाने की सीख लेनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि भारत जैसा विविधताओं से भरा देश आपसी सौहार्द, इतिहास और संस्कृति की साझी विरासत के सम्मान से ही क़ायम रह सकता है और इतने सालों तक उसके बने रहने की बुनियाद भी यही है। योगी सरकार (yogi government) मुस्लिम नामों वाले शहरों के नाम बदलकर इस बुनियाद को कमज़ोर कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के बाद मुसलमानों की बहुसंख्य आबादी यहाँ सिर्फ़ इसलिए रुक गयी थी कि उसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान और प्रतीकों को सम्मान और सुरक्षा की गारंटी की गयी थी। अगर उन्हें पता होता कि आगे चलकर यह स्थिति बदल दी जाएगी तो शायद ही वो यहाँ रुकते। आदित्यनाथ की सरकार यहाँ रुक गए देश भक्त मुसलमानों को अपमानित करने के लिए ऐसा कर रही है।
उन्होंने भारतीयता और देश की साझी विरासत में यकीन रखने वाले सभी दलों से अलीगढ़ का नाम बदलने के प्रयासों क खुलकर विरोध करने की अपील की।