परमार्थ निकेतन के साथ नाम से वेबसाइट तैयार कर कमरों की बुकिंग के लिए ऐंठी रकम
आरोपी के सात व अन्य 15 बैंक खातों को पुलिस ने संदिग्ध लेनदेन के शक मे कराया फ्रीज
Report by – Rao Rashid
ऋषिकेश।
परमार्थ निकेतन के नाम से फर्जी वेबसाइट तैयार कर लोगों से ऑनलाइन कमरों की बुकिंग के नाम पर लाखों रूपये की ठगी के मामले में पुलिस ने एक शातिर को गिरफ्तार किया है। संदिग्ध लेनदेन के शक में पुलिस ने आरोपी के सात व अन्य 15 बैंक खातों को फ्रीज और तीन बेवसाइट व पांच जाली मोबाइल नंबरों को भी ब्लॉक करवा दिया है। फर्जीवाड़े में संलिप्त आरोपी को एक साथी फिलहाल फरार है, जिसकी धरपकड़ को पुलिस टीम संभावित ठिकानों पर दबिश देने में जुटी है।
एसएसपी पौड़ी श्वेता चौबे के मुताबिक स्वामी सुखदेवानंद ट्रस्ट परमार्थ निकेतन के प्रबंधक रामानंद तिवारी लक्ष्मणझूला थाने में तहरीर दी। बताया कि परमार्थ निकेतन के नाम से फर्जी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन कमरे बुक किए जा रहे हैं। इसकी एवज में लोगों से रकम की ठगी भी की जा रही है। अभीतक करीब एक दर्जन लोग ठगी की शिकायत कर चुके हैं। मामला दर्ज कर पुलिस ने अज्ञात की पहचान के लिए तफ्तीश शुरू की। लोगों से रकम ट्रांसफर कराने के लिए दिए मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच के दौरान पुलिस ने हरियाणा और दिल्ली में कई एटीएम मशीन के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले। साउथ दिल्ली में पुलिसकर्मियों को एटीएम मशीन से एक संदिग्ध रकम निकालते दिखा।
शक होने पर पुलिसकर्मियों ने उसकी पहचान यूनुस पुत्र इलियास निवासी जुरहेरी, भरतपुर, राजस्थान व हाल निवासी मस्जिद मोठ, सादिक नगर, दिल्ली के रूप में हुई। बुधवार देर शाम पुलिस टीम ने आरोपी यूनुस को दिल्ली स्थित जामिया-मिलिया से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की तलाशी में पुलिस को चार एटीएम कार्ड, एक मोबाइल और 55 हजार रूपये की नकदी बरामद हुई है।
10 दिन में 35 लाख का ट्रांजेक्शन
एसएसपी श्वेता चौबे ने बताया कि जांच-पड़ताल में आरोपी युनूस के कई बैंकों के सात खातों को इसी तरह की धोखाधड़ी में इस्तेमाल कर रहा था, जिनमें महज 10 दिन के भीतर ही 35 लाख रूपये का ट्रांसजेक्शन किया गया। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने संबंधित बैंक खातों के साथ ही 15 अन्य खातों को भी संदिग्ध लेनदेन के शक में फ्रीज कर दिया है। साइबर सेल ने इसी तरह की तीन वेबसाइट और पांच मोबाइल नंबर भी ब्लॉक करा दिए हैं।
पुलिस टीम को मिला इनाम
एसएसपी ने फर्जीवाड़े का खुलासा कराने वाली टीम को 10 हजार रूपये का इनाम देने की घोषणा की है। टीम में सीआईयू प्रभारी मोहम्मद अकरम, साइबर सेल में तैनात एसआई जयपाल चौहान, एसआई राज विक्रम सिंह, कांस्टेबल महेंद्र रावत, अमरजीत और हरीश शामिल थे।