
बड़े ब्रांड्स के लिए मॉल की ओर बढ़ा युवाओं का आकर्षण
दिल्ली। कोरोना के बाद जिस तरह मॉल के कारोबार पर असर पड़ा था, वह अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। पिछले कुछ समय से बड़े ब्रांडेड प्रोडक्ट्स (Branded Products) की खरीदारी को लेकर लोगों का आकर्षण एक बार फिर से मॉल की तरफ बढ़ता जा रहा है। यह ट्रेंड न सिर्फ बड़े शहरों में बल्कि छोटे शहरों में भी लोग अपनी रुचि दिखा रहे हैं। पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि मॉल में खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में इक्रा ने रिपोर्ट जारी की है जिसमें दावा किया गया है कि मॉल में आवाजाही बढ़ने से चालू वित्तवर्ष में कुल कारोबार में 14 से 15 फीसदी का इजाफा हुआ है।
माना जा रहा है कि नए साल में भी खरीदारों के लिए मॉल का आकर्षण बना रहेगा और शहरी उपभोक्ताओं की तरफ से प्रीमियम ब्रांडो को लेकर बढ़ी मजबूत प्राथमिकता को देखते हुए अगले साल भी कारोबार में 10 से 12 फीसदी की सालाना वृद्धि दिख सकती है। वहीं इक्रा ने रिपोर्ट जारी की है कि अगले वित्त वर्ष में मॉल के किराए में 8 से 9 फीसदी की बढ़त हो सकती है जिससे मॉल संचालकों का मुनाफा बढ़ने के आसार हैं।
इन ब्रांडों की हो रही सबसे अधिक बिक्री
ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, प्रीमियम ब्रांडों (Premium brands) के ब्यूटी केयर प्रोडक्ट्स (Beauty care products) और एंटरटेनमेंट (Entertainment) जैसे क्षेत्रों में हाल की तिमाहियों में औसत से अधिक खपत वृद्धि देखी गई है, जो मजबूत उपभोक्ता मांग के साथ आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। परिवारों द्वारा अधिक खर्च के बीच भारतीय सकल घरेलू उत्पाद का निजी अंतिम उपभोग व्यय घटक पिछली चार तिमाहियों में बढ़ा है। सितंबर 2023 के आरबीआई के कंज्यूमर कॉंफिडेंस सर्वे के अनुसार, आवश्यक और गैर-आवश्यक खर्चों में वृद्धि के कारण पिछले वर्ष की तुलना में घरेलू खर्च में उछाल आया है और अगले 12 महीनों में उच्च रहने की संभावना है। विश्लेषण में कहा गया है कि इससे मॉल संचालकों के किरायेदारों के लिए रिटेट सेल्स को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
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मॉल के किराए में वृद्धि की उम्मीद
हाल ही में आईसीआरए के एक विश्लेषण के अनुसार, व्यापारिक मूल्यों में अनुमानित वृद्धि और किराये में वृद्धि के कारण मॉल संचालकों के लिए किराये की आय वित्त वर्ष 2024 में 9 से 10 फीसदी और वित्त वर्ष 2025 में 8 से 9 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में, ICRA के सैंपल सेट (जिसमें 12 राज्यों में कुल 25.4 मिलियन वर्ग फुट के 38 मॉल शामिल हैं) के लिए किराये की आय में सालाना आधार पर 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। शीर्ष छह बाजारों के लिए कुल ग्रेड ए रिटेल मॉल की आपूर्ति 30 सितंबर, 2023 तक लगभग 105 मिलियन वर्ग फुट थी और मार्च 2025 तक लगभग 116-118 एमएसएफ तक बढ़ने की उम्मीद है। दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक आपूर्ति है जिसमें 30 फीसदी का योगदान है।
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेसिडेंट (Sales and Marketing) अजेंद्र सिंह (Ajendra Singh) ने कहा ने कहा, “कोरोना महामारी के बाद रिटेल सेल्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों (international brands) के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और युवाओं के लिए इसके प्रति आकर्षण उल्लेखनीय है। नतीजतन, मॉल संचालन और मासिक किराये में भारी वृद्धि हुई है। हमें उम्मीद है कि नए साल में भी खरीदारी के लिए मॉल का आकर्षण ग्राहकों के लिए बना रहेगा।
वहीं केडब्ल्यू ग्रुप (KW Group) के डायरेक्टर पंकज कुमार जैन (Pankaj Kumar Jain) ने कहा कि मॉल से खरीदारी करने वाले ग्राहकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड के दौरान मॉल आने वाले खरीदार जरूर प्रभावित हुए थे, लेकिन आज की स्थिति इसके उलट है। आज बड़े ब्रांड के लिए लोग मॉल की ओर ही आकर्षित हो रहे हैं। उम्मीद है कि नए साल में मॉल में खरीदारी के चलन में और तेजी आएगी।







