
अमेरिका के 12 राज्यों ने ट्रंप प्रशासन पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत में ‘अवैध टैरिफ’ लागू करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया। अटॉर्नी जनरल्स ने अदालत से टैरिफ रोकने की मांग की है।
सैन फ्रांसिस्को, ( Shah Times) । अमेरिका में व्यापार नीति को लेकर बड़ा कानूनी विवाद खड़ा हो गया है। देश के 12 राज्यों के अटॉर्नी जनरल्स ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन पर “अवैध टैरिफ” लगाने का आरोप लगाते हुए न्यूयॉर्क स्थित यू.एस. कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड में मुकदमा दायर किया है।
इस मुकदमे में एरिज़ोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मेन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, ओरेगन और वर्मोंट राज्यों के अटॉर्नी जनरल शामिल हैं। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ लगाने में अपने वैध संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग किया है और यह कदम अमेरिकी व्यापार नीति को “व्यक्तिगत सनक” के हवाले करने जैसा है।
मुकदमे में मुख्य तर्क यह दिया गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति केवल तभी इमरजेंसी अथॉरिटी के तहत टैरिफ लगा सकते हैं जब यह प्रमाणित हो कि विदेशी स्रोतों से कोई “असामान्य और असाधारण खतरा” देश के लिए उत्पन्न हो रहा है। लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा जो टैरिफ लगाए गए थे, वे इस संवैधानिक मापदंड पर खरे नहीं उतरते।
राज्य सरकारों की इस संयुक्त पहल में अदालत से मांग की गई है कि वह इन टैरिफ को अवैध घोषित करे और संबंधित सरकारी एजेंसियों व अधिकारियों को इन्हें लागू करने से रोक दे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुकदमा अमेरिका में व्यापार और राष्ट्रपति की शक्तियों को लेकर कानूनी व्याख्याओं को नया मोड़ दे सकता है। साथ ही यह 2024 के चुनावी परिप्रेक्ष्य में ट्रंप की नीतियों की वैधता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।