झारखंड में हावड़ा-मुंबई मेल के हादसे के बाद केरल के वायनाड जिले में मूसलाधार बारिश बारिश के बाद हुए भयानक भूस्खलन ने कहर बरपाया है
New Delhi,(Shah Times)। झारखंड में हावड़ा-मुंबई मेल के हादसे के बाद केरल के वायनाड जिले में मूसलाधार बारिश के बाद हुए भयानक भूस्खलन ने कहर बरपाया है। मेप्पाडी के पास कई पहाड़ी इलाकों में हुए इस हादसे में कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। मलबे में सैकड़ों लोग फंसे हो सकते हैं। बचाव अभियान जारी है, लेकिन भारी बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
मंगलवार तड़के मेप्पाडी के पास मुंडक्कई और चूरलमाला में भूस्खलन हुआ। इस हादसे में अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। चूरलमाला में एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत हुई है, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक साल के बच्चे की मौत हुई है।
केरल में वायनाड जिले के वेल्लारीमाला गांव में मंगलवार सुबह दो बड़े भूस्खलन की घटना में 63 लोगों की मौत हो गयी और 70 अन्य घायल हो गये।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक आठ महिलाओं सहित 43 शवों को वायनाड जिले के मेप्पाडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है जबकि आठ अन्य शव वायनाड जिले के मेप्पाडी में निजी अस्पताल में रखे गये हैं। मलप्पुरम जिला पुलिस अधीक्षक एस शशिधरन ने संवाददाताओं को बताया कि पोथुकल में चलियार नदी में तैरते हुए मिले आठ शवों को नीलांबुर के सरकारी जिला अस्पताल में रखा गया है। जिले में पांच स्थानों पर पीड़ितों के कई शवों के अंग भी बरामद किए गए हैं। पीड़ितों को बचाने के लिए आपातकालीन बल और पुलिस ने चलियार नदी में तलाशी अभियान शुरू किया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीम ने भारी बारिश के बावजूद वायनाड जिले के कलपेट्टा शहर से 08 किलोमीटर दूर चूरलमाला नदी को पार किया और बचाव अभियान चलाया। रक्षा कर्मियों की एक टीम दोपहर करीब दो बजे चूरलमाला पहुंची और वहां फंसे 250 लोगों को बचाने के लिए चूरलमाला और मुंदकई को जोड़ने वाला एक अस्थायी पुल बनाया।
उन्होंने बताया कि मुंदक्कई के पहाड़ी इलाकों में करीब 150 लोग फंसे हुए हैं और करीब 100 लोग एक रिसॉर्ट में फंसे हुए हैं। मलबे से शवों को निकालने के लिए डॉग स्क्वायड को भी लगाया गया है।
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें तैनात की गई हैं। फेसबुक पर एक पोस्ट में केएसडीएमए ने बताया कि बचाव अभियान में मदद के लिए कन्नूर डिफेंस सिक्योरिटी कोर की दो टीमें भी वायनाड भेजी गई हैं।
वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर एमआई-17 और एक एएलएच ने सुबह साढ़े सात बजे सुलूर से उड़ान भरी। बचाव कार्यों का समन्वय किया जा रहा है।
प्रभावित इलाकों के लोगों ने बताया है कि भूस्खलन के मलबे में सैकड़ों लोग दबे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। प्रभावित सभी लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है। केरल के मुख्यमंत्री से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति को देखते हुए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वायनाड के मेप्पाडी में हुए भीषण भूस्खलन से मैं बेहद दुखी हूं। इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा।
भारी बारिश के कारण चूरलमाला का बाजार इलाका मलबे से भर गया है और वहां कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। बारिश के कारण बचाव दल को मौके पर पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही है। चूरलमाला से मुंडक्कई जाने वाली सड़क बह जाने से बचाव अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला पुल बहा दिया, जिससे मुंडक्कई का संपर्क टूट गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पहला भूस्खलन मंगलवार सुबह 2 बजे और दूसरा भूस्खलन सुबह 4 बजे हुआ। मुंडक्कई में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम रवाना हो गई है। हैरिसन मलयालम प्लांटेशन के अधिकारियों ने बताया कि दो डिवीजनों के करीब 200 कर्मचारियों को एस्टेट बंगले में रखा गया है।
राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने बताया कि कोयंबटूर से हेलीकॉप्टर बुलाकर बचाव अभियान शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। हेल्पलाइन नंबर जारी जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के बाद वायनाड में भूस्खलन हुआ है। स्वास्थ्य विभाग- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने आपातकालीन सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष खोला है और हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं।