
रिपोर्ट नदीम सिद्दीकी
बसपा के कद्दावर नेता जिया उर्ररहमान ने थामा रालोद का दामन
मुजफ्फरनगर। पिछले ढाई दशक से अधिक समय से बसपा के लिए समर्पित रहने वाले मुस्लिम कद्दावर नेता जिया उर्ररहमान (zia urrrahman) ने बसपा को अलविदा कह दिया है। जिससे राजनीतिक हाशिए पर चल रही बहुजन समाज पार्टी (BSP) को एक और गहरा झटका लगा है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विभिन्न पदों पर रहकर पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुंचने वाले मेरठ सहारनपुर मंडल (Meerut Saharanpur Division) के पूर्व कोऑर्डिनेटर जिया उर्ररहमान (zia urrrahman) ने मगंलवार को रालोद की सदस्यता ग्रहण की हैं।
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दरअसल मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाले हाजी अजीजउर्ररहमान (Haji AzizurRahman) भट्टे वाले काफी लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहे और उन्होंने बसपा की पैरोकारी की। अपने पिता की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को जिया उर्ररहमान ने संभाला और लगभग 26 सालों से अधिक तक बसपा में सक्रिय रहकर पार्टी के लिए काम करते रहे। सहारनपुर (Saharanpur) मंडल कोऑर्डिनेटर रहने के साथ में बसपा के अलग-अलग पदों पर भी रहे और अपनी जिम्मेदारियों को बाखूबी अंजाम दिया।
उन्होंने खुद बसपा से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और अपनी पत्नी को भी पार्टी से चुनाव मैदान में उतारा। जिया उर्रहमान पिछले काफी समय से पार्टी में खुद को अपेक्षित महसूस कर रहे थे।
इसी बीच उनके नजदीकियां रालोद (RLD) मुखिया चौधरी जयंत सिंह (Chaudhary Jayant Singh) से बढ़ी तो उन्होंने बसपा को अलविदा कह दिया। उन्होंने बसपा छोड़ने की घोषणा करने के साथ ही रालोद में शामिल होने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे आज मगंलवार को चौधरी जयंत सिंह से मुलाकात कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली हैं।