फिलिस्तीन नाम क्यों पड़ा?

हम जानते हैं कि फिलिस्तीन (Palestine) का पुराना नाम किनआन की जमीन था तोरात में भी इसे इसी नाम से ज़िक्र किया गया है किनआन लोग अरब थे जो यमन के रहने वाले थे और वहां से निकल कर पहले बहरीन और फिर मुल्क शाम में आबाद हो गए थे यह इतिहास लिखे जाने से पहले की घटना है

फिर हज़रत इब्राहीम (Hazrat Ibrahim) अपने छोटे बेटे इसहाक के साथ यहां आबाद हुए उन की कब्र खलील नाम के शहर में है जो बैतूल मुक़द्दस (Betul Muqaddas) के करीब है हज़रत इसहाक (Hazrat Ishaq) के बेटे हज़रत याकूब (Hazrat Yaqub) का दूसरा नाम इसराइल है और उन की औलाद बनी इसराइल कहलाती है जब बनी इसराईल को ताकत हासिल हुई तो इन्होंने अपना राज स्थापित किया और किनआनियों को लेबनान की तरफ धकेल दिया लेबनान के सैदा शहर को किनआनियों ने अपना केंद्र बनाया और मशहूर फोनोशियन सम्राज्य स्थापित किया

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सवाल यह है कि फिर फिलिस्तीन नाम कैसे पड़ा ?

सन 1200 ईसा पूर्व में एक कबीला जिस का नाम (फलस्तीया) था वह अनाजोल के करीब किसी द्वीप से आता है और गाज़ा (Gaza City) शहर में आबाद हो जाता है धीरे-धीरे वहां अपना राज स्थापित कर लेता है उनका राज गाज़ा अस्कलान से लेकर अशदूद व याफा तक भूमध्यसागर के तटीय इलाकों में एक पतली पट्टी की तरह था फलस्तीया के लोग इंजीर की खेती के लिए प्रसिद्ध थे इन का राज बहुत छोटा था लेकिन बहुत ताकतवर था यहूदा सम्राज्य ने इन्हें कई बार खत्म करना चाहा पर खत्म न कर सके फलस्तीया कबीला बनी इसराइल की दिमाग़ पर इतना छाया हुआ था कि तोरात में चार सौ बार इन का ज़िक्र हुआ है बाद में मिस्र के फिरऔन ने इनके राज पर कब्ज़ा कर लिया

फलस्तीया कबीला के नाम पर ही इस देश का नाम फिलिस्तीन (Palestine)पड़ा।

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