
रामराज्य युवा यात्रा का आयोजन
नई दिल्ली। सुदर्शन राष्ट्र निर्माण संगठन (Sudarshan Rashtra Nirman Sangathan) की ओर से रामराज्य युवा यात्रा (Ramrajya Yuva Yatra) का आयोजन किया जा रहा है. ये यात्रा 15 दिसंबर 2023 को श्रीलंका (Sri Lanka) के अशोक वाटिका (Ashok Vatika) से शुरू होगी और 19 जनवरी को अयोध्या में इसका समापन होगा। अयोध्या में 24 जनवरी तक यात्रा से जुड़े अनुभूतियों और चित्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।
रामेश्वरम (Rameshwaram) से यात्रा सड़क मार्ग पर चलेगी। ये मार्ग वही मार्ग होगा जिस पर चलकर श्रीराम वनवास का निर्वासन झेलते हुए श्रीलंका तक गए थे। यात्रा का नेतृत्व प्रदोष सुरेश चह्वाणके करेंगे. इस यात्रा में रामायण सर्किट के अध्यक्ष डॉक्टर रामअवतार शर्मा जी भी होंगे। आप सभी भली भांति जानते होंगे कि डॉ. रामअवतार शर्मा जी ने इस मार्ग पर 18 बार यात्रा की है और अपना पूरा जीवन श्रीराम वनगमन पथ की खोज और शोध पर लगाया है।
यात्रा में प्रमुख रूप से शामिल हो रहे हैं
आचार्य महामंडलेश्वर, जुना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरि जी महराज
आचार्य सभा के महासचिव महामंडलेश्वर परमात्मानंद सरस्वती जी महाराज
बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री जी
विख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी
इनके अलावा कई और साधु संत कथावाचक और मीडिया के लोगों के साथ कई धार्मिक विभूतियाँ भी रहेंगी. साथ ही जनप्रतिनिधियों और सामाजिक तथा धार्मिक संगठन के लोगों की हिस्सेदारी भी होगी।
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यात्रा श्रीराम से संबंधित सभी छोटे-बड़े स्थानों से गुजरेगी. सभी बड़े स्थानों अर्थात उन स्थानों पर जिसे श्रीराम के वनवास काल में ही प्रसिद्धि मिल चुकी है वहां धर्म संसद, कविता पाठ और पूज्य संतों का समागम कराया जाएगा। इसके साथ ही उन स्थानों पर जिसे प्रसिद्धि तो नहीं मिली पर वो श्रीराम के वनवास काल का महत्वपूर्ण पड़ाव या उससे जुड़ा रहा वहां भी यात्रा कवरेज करती हुई आगे बढ़ेगी. यात्रा के दौरान हम श्रीराम के जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं को भी प्रकाश में लाने की कोशिश करेंगे।
यात्रा के मुख्य उद्देश
1- युवाओं में श्रीराम जी के चरित्र का निर्माण व संस्कारों को बढ़ावा देना।
2- समाज के अंदर के रावणों का अंत करना।
3- परिवारों में प्रबोधन से एकता व आत्मीयता का निर्माण करना।
4- राष्ट्र-धर्म भक्ति को बढ़ावा देना।
5- वनवास के समय श्रीराम को सहयोग करने वाले वनवासियों का धन्यवाद करना। (क्योंकि प्रभु श्रीराम जी रावण से युद्ध जीतने के बाद अयोध्या पुष्पक विमान से गए थे इसलिए लौटते समय वनवासियों को मिल नहीं पाए थे)
44 दिवस व 10 हज़ार किलोमीटर के मार्ग में 8 राज्य, कई नगरों व गाँवों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे, जिसमें उस स्थान के वीडियो बना कर दिखाना, पूजा पाठ, भजन, प्रवचन,सत्संग से संदेश दिया जाएगा. यह यात्रा कई मायनों में इतिहास बनाऐगी। अब तक इस प्रकार की यात्रा का आयोजन कभी नहीं हुवा हैं। यह “राम राज्य युवा यात्रा” (Ram Rajya Yuva Yatra) एतहासिक होगी।