
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड डेटा से संबंधित जानकारी अपलोड करने के लिए आदेश दिया था
नई दिल्ली ,(Shah Times) । इलेक्शन कमीशन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित समूची जानकारी अपनी वेबसाइट पर गुरूवार देर रात पब्लिश कर दी।
करीब सवा चार सौ पृष्ठ के इस दस्तावेज में राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाली कंपनियों, संगठनों और व्यक्तियों तथा उनके द्वारा खरीदे गये बांड की जानकारी दी गयी है।
Disclosure of Electoral Bonds
- Details of Electoral Bonds submitted by SBI Part- II
- Date: Thursday 14 Mar 2024, 7:55 PM
- Details of Electoral Bonds submitted by SBI Part- I
- Date: Thursday 14 Mar 2024, 7:53 PM
https://www.eci.gov.in/disclosure-of-electoral-bonds
वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार राजनीतिक दलों को देने वाली कंपनियों में भारती एयरटेल लिमिटेड, फिनोलेक्स केबल्स लिमिटेड, लक्ष्मी निवास मित्तल, एडलवाइस हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, जीएचसीएल लिमिटेड, जिंदल पॉली फिल्म्स लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, स्पाइसजेट लिमिटेड, जेके सीमेंट लिमिटेड, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स लिमिटेड, एवन साइकिल्स लिमिटेड, जेके सीमेंट लिमिटेड, ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड, सिप्ला लिमिटेड, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड और मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड , ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, पीरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड, पेगासस प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड और बजाज फाइनेंस लिमिटेड सहित अनेक कंपनियां शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसने आज अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड पर स्टेट बैंक से प्राप्त आंकड़ों को ‘जैसा है जहां है’ के आधार पर अपलोड किया है। आयोग ने कहा है कि उसने इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार पारदर्शिता के साथ कार्य किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन से 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर चुनावी बांड डेटा से संबंधित जानकारी अपलोड करने के लिए कहा था।चुनावी बांड के आंकड़ों से विभिन्न राजनीतिक दलों को दानदाताओं, कॉर्पोरेट और व्यक्तियों दोनों की सूची का पता चला है।एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया था और स्टेट बैंक को इसे सार्वजनिक करने के लिए चुनाव निकाय के साथ डेटा साझा करने के लिए कहा था।