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कांग्रेस की तेजतर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा है कि जबसे राहुल गांधी की रायबरेली से लड़ने की खबर आयी है, हर ओर से खूब सारी टिप्पणियों की भरमार है।
नई दिल्ली,(Shah Times)।कांग्रेस की तेजतर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा है कि जबसे राहुल गांधी की रायबरेली से लड़ने की खबर आयी है, हर ओर से खूब सारी टिप्पणियों की भरमार है।भूलिए मत, राहुल गांधी शतरंज के माहिर खिलाड़ी हैं। उनकी एक ही चाल से BJP और उनके चरण चुंबकों को मूर्छा आ गई है। रायबरेली सिर्फ़ सोनिया गांधी की ही नहीं, ख़ुद इंदिरा गांधी की सीट रही है, यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये ?
एक बात और साफ़ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि “आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का”? लीजिए, आ गया! प्रियंका गांधी धुआँधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी पर भारी पड़ रही हैं। इसको देखते हुए ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका गांधी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी।आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई।अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं – उसपर जवाब देना होगा।शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।