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बकरीद का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक एकता का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें त्याग, समर्पण और दूसरों की भलाई के लिए अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देता है।
~ Sana Rajput
ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो सोमवार, 17 जून 2024 को मनाया जाएगा। यह त्योहार हज यात्रा की परिणति का प्रतीक है और हजरत इब्राहिम (अब्राहम) द्वारा (ईश्वर ) खुदा की आज्ञा का पालन करते हुए अपने पुत्र को बलिदान करने की इच्छा को याद करता है।
बकरीद का इतिहास
बकरीद का इतिहास हजरत इब्राहिम की कहानी से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल को बलिदान करने का संकल्प लिया था। यह उनकी अटूट आस्था और ईश्वर की आज्ञाकारिता का प्रतीक है। इस बलिदान की याद में ही मुसलमान इस दिन जानवरों की क़ुर्बानी देते हैं।
रीति-रिवाज और महत्व
बकरीद का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक एकता का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें त्याग, समर्पण और दूसरों की भलाई के लिए अपने कर्तव्यों को निभाने की प्रेरणा देता है।
बकरीद (ईद-उल-अजहा) का खूबसूरत संदेश
“बकरीद त्याग और श्रद्धा का पर्व है। इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर अपने प्यार, दया और करुणा को बांटें, जरूरतमंदों की मदद करें और एकता और भाईचारे का संदेश फैलाएं। अल्लाह आपकी क़ुर्बानी को कबूल करे और आप सभी पर अपनी रहमत बरसाए।
ईद-उल-अजहा मुबारक