
RJD chief Lalu Yadav in trouble as Siwan court orders property seizure in a 2011 model code of conduct violation case. Next hearing on May 30
आरजेडी प्रमुख लालू यादव की बढ़ी मुश्किलें, सीवान कोर्ट ने 2011 के आचार संहिता उल्लंघन मामले में उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 30 मई को।
सीवान, बिहार (शाह टाइम्स) राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की कानूनी परेशानियां एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सीवान की एसीजेएम प्रथम कोर्ट ने 2011 में आचार संहिता उल्लंघन के एक पुराने मामले में उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने यह कार्रवाई लालू यादव की बार-बार की गैरहाज़िरी और समन को नजरअंदाज़ करने के चलते की है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2011 के बिहार विधानसभा उपचुनावों के दौरान दरौंदा (सीवान) में आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है। उस समय इलाके में धारा 144 लागू थी, जिसके तहत सार्वजनिक सभा और माइक इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद लालू यादव ने वहां सभा को संबोधित किया, जो कानून का उल्लंघन माना गया।
कई बार भेजा गया समन, नहीं हुए पेश
कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव को कई बार समन भेजा, लेकिन वे किसी भी सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। उनकी लगातार अनुपस्थिति से नाराज होकर कोर्ट ने कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू करने का आदेश दे दिया है।
क्या है कुर्की-जब्ती का मतलब?
कुर्की-जब्ती का मतलब है कि कोर्ट आरोपी की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार देता है। यदि लालू यादव आगे भी अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनकी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। यह एक सख्त कानूनी प्रक्रिया होती है, जो तभी लागू की जाती है जब आरोपी अदालत के आदेशों की अवहेलना करता है।
अगली सुनवाई 30 मई को
इस मामले की अगली सुनवाई 30 मई को निर्धारित की गई है। अब देखना यह होगा कि लालू यादव इस सुनवाई में अदालत के समक्ष पेश होते हैं या नहीं। फिलहाल, उनके खिलाफ की गई यह कार्रवाई राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर एक बड़ा झटका मानी जा रही है।