
CBI raids in Hathras uncover fake SIM card racket; two arrested for cyber fraud, digital arresting, and other major cybercrimes
हाथरस में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, फर्जी सिम कार्ड बेचने वालों पर छापा, दो गिरफ्तार, साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्टिंग जैसे अपराधों का खुलासा।
हाथरस, उत्तर प्रदेश (शाह टाइम्स) केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेशन के जरिए चल रहे एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में CBI ने हाथरस जिले के मितई गांव में छापा मारकर एक आरोपी राजीव सागर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दूसरा आरोपी मुकेश फरार हो गया। दोनों पर आरोप है कि वे लोगों को गुमराह कर उनके नाम से फर्जी तरीके से सिम कार्ड एक्टिवेट करते थे, जिनका इस्तेमाल देश-विदेश में विभिन्न साइबर अपराधों में किया जा रहा था।
5 घंटे चली छापेमारी, दो मोबाइल और एक स्कूटी जब्त
CBI की पांच सदस्यीय टीम ने 10 मई को राजीव सागर और मुकेश के घर पर एक साथ छापेमारी की। मुकेश तो हाथ नहीं आया, लेकिन राजीव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। छापेमारी करीब पांच घंटे चली, जिसमें CBI ने राजीव के घर से दो मोबाइल फोन और एक स्कूटी जब्त की। राजीव बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है और पिछले कुछ वर्षों से सिम कार्ड बेचने के अवैध कार्य में लिप्त था। यह धंधा उसने अपने पड़ोसी मुकेश से सीखा, जो जिले भर में छतरियां लगाकर सिम कार्ड बेचता था।
सिम कार्ड के जरिए चल रहा था अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क
जांच में सामने आया कि राजीव और मुकेश ने मिलकर 100 से ज्यादा फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट किए और उन्हें देश के विभिन्न राज्यों सहित साउथ एशिया के देशों में बेचा। इन सिम कार्ड का उपयोग डिजिटल अरेस्टिंग, जासूसी, फर्जी निवेश योजनाएं, फर्जी विज्ञापन और यूपीआई फ्रॉड जैसे गंभीर साइबर अपराधों में किया जा रहा था।
KYC के नाम पर होती थी ठगी
CBI के मुताबिक आरोपी ग्राहकों को यह कहकर बहलाते थे कि उनका केवाईसी (KYC) फेल हो गया है और फिर उनके नाम पर दूसरा सिम एक्टिवेट कर लेते थे। इस धोखाधड़ी के जरिए ग्राहकों की जानकारी के बिना दोबारा सिम कार्ड जारी किए जाते थे, जो आगे जाकर साइबर अपराधों का जरिया बनते थे।
देशभर में फैला है नेटवर्क, कई राज्यों में CBI की कार्रवाई
CBI ने इस मामले में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और कर्नाटक सहित कई राज्यों के सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस तरह की करीब 2200 शिकायतें आने के बाद यह बड़ी कार्रवाई शुरू की गई।
अब तक 1930 डीलरों के खिलाफ जांच, नेटवर्क पर कसा जा रहा शिकंजा
बीते वर्ष देशभर में ऐसे 64,000 फर्जी सिम कार्ड बेचने वालों के खिलाफ जांच शुरू हुई थी, जिसमें 1,930 डीलर चिन्हित किए गए। CBI इस नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।
CBI की यह कार्रवाई एक बार फिर यह साबित करती है कि देश में साइबर फ्रॉड अब संगठित अपराध का रूप ले चुका है, और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाना वक्त की जरूरत बन गई है।