
The crime scene outside the clinic in Jahangirpuri where a 15-year-old girl was shot dead by her boyfriend. | Shah Times
दिल्ली में बढ़ते नाबालिग अपराध, क्लिनिक में नाबालिग किशोरी की हत्या
प्रेम प्रसंग में नाबालिग किशोरी की क्लिनिक के अंदर गोली मारकर हत्या,
नई दिल्ली, (Shah Times) । देश की राजधानी में एक और दिल दहला देने वाली वारदात ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। जहांगीरपुरी इलाके में सोमवार शाम को एक नाबालिग किशोरी की उसके ही बॉयफ्रेंड द्वारा क्लिनिक में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज घटना ने न केवल राजधानी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि नाबालिग अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस और संगठित गैंग गतिविधियों को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।
घटना की पूरी जानकारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाम लगभग 8:10 बजे पीसीआर कॉल के जरिए सूचना मिली कि जहांगीरपुरी की मेन मार्केट में स्थित महाजन क्लिनिक में एक लड़की को गोली मार दी गई है। मौके पर पहुंची पुलिस को क्लिनिक के अंदर एक किशोरी खून से लथपथ हालत में मिली। तुरंत उसे बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक लड़की की उम्र 15 वर्ष बताई गई है और वह डी ब्लॉक, सात सौ वाली गली, जहांगीरपुरी की निवासी थी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी आर्यन (20) ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया और हत्या के बाद दोनों मौके से फरार हो गए।
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CCTV फुटेज में कैद हुई वारदात
पुलिस ने क्लिनिक और आसपास के इलाके में लगे सरकारी व निजी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की है। इनमें दोनों आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। क्राइम और फॉरेंसिक टीमों की मदद से मौके से सबूत जुटाए गए हैं, जिनमें तीन से चार कारतूस के खोल बरामद किए गए हैं।
लड़की ने जान बचाने की कोशिश की थी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी लड़की का पीछा करता हुआ क्लिनिक तक आया था। लड़की मदद के लिए चिल्लाते हुए क्लिनिक में घुसी और वहां किसी सुरक्षित स्थान की तलाश करने लगी। तभी आरोपी आर्यन क्लिनिक में घुसा और पास से दो से तीन गोलियां दाग दीं। गोलियों की आवाज सुनकर क्लिनिक के अंदर और बाहर अफरातफरी मच गई।
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि लड़की को गली में दौड़ते हुए देखा गया था, जिसके पीछे पिस्टल लिए आरोपी आर्यन और उसका साथी दौड़ रहे थे।
पुरानी रंजिश और गैंग की भूमिका
सूत्रों के अनुसार, आरोपी आर्यन पिछले तीन वर्षों से लड़की को परेशान कर रहा था। परिवार ने डर के कारण पहले ही अपना मकान खाली कर दिया था। बताया गया है कि आर्यन नाबालिगों के एक गैंग का हिस्सा है और उस पर चोरी, धमकी और अवैध गतिविधियों के कई मामले दर्ज हैं। क्षेत्र में यह गैंग पहले भी आपसी रंजिश के चलते कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, आर्यन का परिवार भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है और कई मामलों में संलिप्त पाया गया है। यही नहीं, आरोपी खुद भी पहले चोरी और मारपीट के मामलों में जेल जा चुका है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद से पुलिस ने पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। साथ ही पुलिस ने हत्या की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। एफएसएल और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से घटना स्थल की गहन जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है — यह देखा जा रहा है कि हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग था या गैंग रंजिश की कोई भूमिका। इसके साथ ही आरोपी के सोशल नेटवर्क की भी जांच की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि घटना पूर्वनियोजित थी या अचानक हुए विवाद का परिणाम।
नाबालिगों में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति पर चिंता
यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि नाबालिगों के बीच अपराध के बढ़ते आकर्षण की भी गवाही देती है। किशोरों में सोशल मीडिया, फिल्मों और आपराधिक गैंगों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। जहां पहले छोटे-मोटे झगड़ों तक सीमित घटनाएं होती थीं, अब खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल और जानलेवा हमले आम होते जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नाबालिगों में बढ़ती हिंसा की वजहें केवल व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक और आर्थिक कारक भी हैं। निम्न आय वर्ग के बच्चों में शिक्षा की कमी, बेरोजगारी, नशे की लत और पारिवारिक हिंसा के कारण वे आसानी से आपराधिक गतिविधियों की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था
राजधानी दिल्ली में आए दिन हो रही अपराध की घटनाएं कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। खासकर नाबालिगों के अपराध में शामिल होने की बढ़ती संख्या पुलिस और समाज दोनों के लिए एक चुनौती बन गई है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब आरोपी पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल था और उसका गैंग भी सक्रिय था, तो उस पर निगरानी क्यों नहीं रखी गई?
इस घटना के बाद इलाके में डर का माहौल बना हुआ है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस पहले से सख्ती बरतती तो शायद यह वारदात रोकी जा सकती थी।
समाज और सरकार की ज़िम्मेदारी
समाज में कानून का डर और व्यवस्था की मौजूदगी ही अपराधों को नियंत्रित कर सकती है। किशोरों में बढ़ती हिंसा और अपराध के मामलों को रोकने के लिए सरकार को स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने होंगे, काउंसलिंग की व्यवस्था करनी होगी और सोशल मीडिया पर हो रही हिंसक प्रवृत्तियों पर भी नजर रखनी होगी।
इसके साथ ही कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करते हुए ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी, ताकि आने वाले समय में कोई भी किशोर ऐसी खौफनाक घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचे।
जहांगीरपुरी की यह वारदात सिर्फ एक प्रेम प्रसंग से जुड़ी हत्या नहीं है, यह दिल्ली में नाबालिग अपराधियों की बढ़ती ताकत और समाज की लचर निगरानी व्यवस्था का एक सशक्त उदाहरण भी है। सवाल सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने में आई उस गिरावट का है, जिसमें किशोर अपराधियों के लिए कोई रोकटोक नहीं बची है। जरूरत है समय रहते सजग होने की, नहीं तो ऐसी घटनाएं आम होती चली जाएंगी।





