
तुलसी और अदरक वाली चाय में से कौन सी होती है ज्यादा फायदेमंद।
जैसे ही मौसम बदलता है वैसे ही हमारा शरीर सर्दी खांसी के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाता है। यदि आपको भी जल्दी जल्दी खांसी-जुकाम होता है तो आप तुलसी या अदरक कि चाय का सेवन कर सकते हैं। लेकिन आपके मन में एक सवाल तो अवश्य आता होगा कि सर्दी खांसी में तुलसी या फिर अदरक की चाय इनमें कौन सी ज्यादा फायदेमंद होती है तो आप किसी सवाल का जवाब लेकर आज हम आए हैं। आज हम आपको बताएंगे की अदरक वाली चाय या फिर तुलसी वाली चाय दोनों में से कौन सी ज्यादा फायदेमंद होती है, और दोनों के क्या-क्या फायदे होते हैं आईए जानते हैं।
जैसे ही मानसून आता है, हमारा शरीर मौसमी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। नमी और ठंडा मौसम कीटाणुओं के लिए आदर्श वातावरण बनाता है, जिससे हमें खांसी, सर्दी और फ्लू जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि दवाओं का सेवन करने से इनसे राहत तो मिल जाती है, लेकिन आज भी कुछ लोग इन समस्याओं में घरेलू नुस्खों की मदद लेना पसंद करते हैं। ताकि वो खुद को इन मौसमी बीमारियों से बचा सकें। आपको बता दें कि सर्दी, खांसी और जुकाम से बचने के लिए दो सबसे लोकप्रिय घरेलू उपाय हैं — अदरक की चाय और तुलसी की चाय, जो अपनी औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। पारंपरिक चिकित्सा में इन्हें लंबे समय से सर्दी-जुकाम के इलाज और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। तो आइए जाते हैं कि कौन सी चाय का सेवन आपको ज्यादा फायदा दिला सकता है।
अदरक कि चाय के सेवन से होने वाले फायदे?
अदरक की चाय अपने तीखे और गर्माहट भरे स्वाद के लिए जानी जाती है। 2021 में हुई एक रिसर्च के अनुसार, अदरक में जिंजरॉल और शोगॉल जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो सूजन-रोधी, वायरस-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं। ये गुण इसे गले की खराश को शांत करने, जकड़न को दूर करने और ठंड के दौरान होने वाले कंपकंपी जैसे लक्षणों से लड़ने में बेहद प्रभावी बनाते हैं।
पाचन संबंधी समस्या न होना
दौरान मेटाबॉलिज्म धीमा होने के कारण पाचन संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं, और अदरक की चाय इन परेशानियों को दूर रखने में मदद करती है।बैद्यनाथ के क्लीनिकल ऑपरेशंस और कोऑर्डिनेशन मैनेजर तथा आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गौतम के अनुसार, “अदरक एक बेहतरीन पाचन टॉनिक है, जो गैस्ट्रिक मोटिलिटी को सुधारता है।
उल्ट-कब्ज से राहत
यह कब्ज, उल्टी, एसिडिटी को कम करता है और पेट की परत को एसिडिटी से बचाता है। हालांकि, जिन लोगों को एसिडिटी या संवेदनशील पेट की समस्या है, उन्हें अदरक की चाय में थोड़ा शहद मिलाकर पीना चाहिए। रोज़ाना एक या दो कप अदरक की चाय लेना पर्याप्त होता है।
तुलसी के चाय से होने वाले फायदें
आयुर्वेद में खास स्थान
तुलसी, जिसे पवित्र तुलसी या Holy Basil भी कहा जाता है, तुलसी सनातन धर्म में आस्था के साथ-साथ आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और इसे प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौधे के रूप में व्यापक रूप से पहचाना जाता है। बता दें कि 2014 की एक रिसर्च के अनुसार, तुलसी में विटामिन A और C भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, साथ ही इसमें वायरस-रोधी और एडेप्टोजेनिक गुण भी होते हैं।
गले कि खराश से राहत मिलना
तुलसी का जब चाय के रूप में सेवन किया जाता है, तो यह गले की खराश को कम करने, जकड़न को दूर करने और हल्के तनाव को शांत करने में मदद करती है।
स्वाद अच्छा होना
अदरक की चाय की तुलना में तुलसी की चाय का स्वाद ज्यादा अच्छा होता है. यह हल्की, सुगंधित और पाचन के लिए आसान होती है।
मौसमी बीमारियों और फ्लू से बचाव
आप तुलसी कि चाय रोज़ाना सेवन कर सकते हैं क्योंकि यह श्वसन तंत्र को मजबूत करती है और शरीर के समग्र उपचार में सहायक होती है। यही कारण है कि मानसून के दौरान तुलसी की चाय एक स्थायी रक्षक की तरह काम करती है, जो मौसमी बीमारियों और फ्लू से बचाव में मदद करती है।
दोनों चाय में से कौन सी होती है ज्यादा फायदेमंद?
यह कहना बिल्कुल ग़लत नहीं होगा कि अदरक की चाय और तुलसी की चाय दोनों ही बेहद लाभकारी हैं, लेकिन इनका असर थोड़ा अलग तरीके से होता है। अदरक की चाय की बात करें तो यह जुकाम, गले की खराश और ठंड लगने जैसी समस्याओं में तेजी से राहत देती है। इसके साथ ही इसमें सूजन-रोधी और गर्माहट देने वाले गुण होते हैं जो शरीर को तुरंत आराम पहुंचाते हैं। वहीं तुलसी की चाय लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है और खासकर मानसून के मौसम में श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है। तुलसी के एडेप्टोजेनिक गुण तनाव को भी कम करते हैं।
इसी के साथ यदि आप सर्दी-जुकाम से जूझ रहे हैं, तो अदरक की चाय तुरंत राहत दे सकती है। लेकिन अगर आप अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रांग कर के बीमारियों से बचाव और लंबे समय तक हेल्दी रहना चाहते हैं तो तुलसी की चाय अच्छा ऑप्शन है।