
Delhi-NCR heavy rain with traffic jam and North India snowfall scene
Delhi-NCR में मॉनसून का रिटर्न, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठंड
पंजाब-हरियाणा-उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी का डबल इफ़ेक्ट
📍Delhi-NCR 🗓️ 7 अक्टूबर 2025
✍️ Asif Khan
Delhi-NCR में झमाझम बारिश से बढ़ी ठंड, पंजाब-हरियाणा में ऑरेंज अलर्ट, पहाड़ों पर बर्फबारी का दौर जारी
दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई राज्यों में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ को इसका प्रमुख कारण बताया है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं बिहार और बंगाल के कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की सुबह से शुरू हुई बारिश ने राजधानी की रफ्तार धीमी कर दी। सड़कों पर पानी भर गया, जगह-जगह जाम लग गया और ऑफिस जाने वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के मुताबिक यह बारिश एक फ्रेश वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ का असर है। पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है और मंगलवार को तड़के भारी बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव देखने को मिला।
आईएमडी (IMD) ने बताया कि इस सिस्टम की वजह से आने वाले 36 घंटों तक मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी। दिल्ली का अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया — जो सामान्य से काफी कम है। इसका मतलब यह है कि मॉनसून के बाद भी ठंड की एंट्री तेज़ी से हो चुकी है।
🌧️ पंजाब-हरियाणा में भारी बारिश का अलर्ट
पंजाब और हरियाणा के कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी के डायरेक्टर सुरेंद्र पॉल के अनुसार अगले 24 घंटे तक तेज़ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। पंजाब के आठ ज़िले — अमृतसर, जालंधर, पटियाला, लुधियाना, फिरोज़पुर, गुरदासपुर, मोहाली और फतेहगढ़ साहिब — ऑरेंज अलर्ट पर हैं। वहीं हरियाणा के अंबाला, पंचकूला, कैथल, करनाल और हिसार में भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
किसानों के लिए यह बारिश एक राहत भी है और चिंता भी। राहत इसलिए क्योंकि मिट्टी में नमी लौट आई है , और चिंता इसलिए क्योंकि कटाई के वक्त बारिश फसल को नुकसान पहुँचा सकती है।
☁️ बंगाल-बिहार में मौसम की दो तस्वीरें
दार्जिलिंग में आई हालिया तबाही के बाद अब बंगाल में कुछ राहत भरी ख़बर है। मौसम विभाग ने कहा कि भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश अगले 24 घंटों में हो सकती है। इसके विपरीत बिहार में अगले दो-तीन दिन तक मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी है।
दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा और खगड़िया जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदियाँ — कोसी, बागमती और कमला बलान — खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं । सैकड़ों गांवों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
🏔️ पहाड़ों पर बर्फबारी-बारिश का डबल डोज़
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश के साथ बर्फबारी का दौर जारी है ❄️। आईएमडी के अनुसार 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। मसूरी, चमोली, रुद्रप्रयाग और बदरीनाथ धाम में बर्फ की चादर बिछ गई है। हिमाचल के लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा में बर्फबारी से तापमान में भारी गिरावट आई है।
लोगों के लिए यह मौसम रोमांचक भी है और चुनौतीपूर्ण भी — पर्यटक बर्फ का मज़ा लेने पहुँच रहे हैं, जबकि स्थानीय लोग ठंड और फिसलन भरी सड़कों से परेशान हैं।
🌬️ दिल्ली में ठंड ने ली एंट्री
बारिश के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। रात के दो बजे तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस था, जबकि सुबह हल्का कोहरा छा गया। ओलों की भी संभावना जताई गई है। ऑरेंज अलर्ट के बीच लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर से निकलने से पहले ट्रैफिक अपडेट देखकर ही निकलें ।
मौसम विभाग ने कहा कि यह स्थिति अगले दो दिनों तक जारी रह सकती है, जिसके बाद मौसम धीरे-धीरे साफ़ होगा।
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🌩️ उत्तर भारत में चक्रवाती गतिविधि
आईएमडी के अनुसार उत्तरी हिंद महासागर में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात सक्रिय है, जिसका आकार 50 से 100 किलोमीटर से लेकर 2000 किलोमीटर तक हो सकता है। इसका असर तटीय इलाकों तक सीमित रहेगा, लेकिन इससे उत्तरी राज्यों में नमी बढ़ेगी और बारिश के हालात बनेंगे।
🕌 जम्मू-कश्मीर में यात्रा स्थगित
जम्मू में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं वैष्णो देवी यात्रा को भी 8 अक्टूबर तक स्थगित किया गया है। श्रीनगर और गुलमर्ग में बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है, लेकिन फिसलन भरी सड़कों के कारण प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।
🌧️ राजस्थान में बारिश से हड़कंप
बूंदी ज़िले में मात्र एक घंटे की तेज़ बारिश ने अफरा-तफरी मचा दी। नालों और सड़कों पर पानी का तेज़ बहाव देखकर लोग डर गए। कई गाड़ियाँ बह गईं, और दुकानों में पानी भर गया। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।
🌎 जलवायु परिवर्तन पर एक नज़र
यह मौसम परिवर्तन सिर्फ़ एक सिस्टम का असर नहीं, बल्कि बदलती जलवायु का संकेत भी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में क्लाइमेट पैटर्न्स अनिश्चित होते जा रहे हैं। जहां एक तरफ़ कहीं-कहीं अत्यधिक बारिश हो रही है, वहीं कुछ इलाके सूखे की चपेट में हैं।
ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम सिर्फ़ मौसम की ख़बर न देखें, बल्कि समझें कि पर्यावरण के साथ हमारा रिश्ता कितना गहरा है। छोटी-छोटी चीज़ें — जैसे जल संरक्षण, पौधारोपण , और ऊर्जा बचत — ही भविष्य की ठंडक और राहत तय करेंगी।





