
जौ का पानी कर सकता है आपकी इस समस्या को आसानी से खत्म?

आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में मोटापा बहुत ही आप समस्या बन गया है। मोटापे के चलते की कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में वजन को कंट्रोल करना बेहद ही जरूरी है। अगर, आप भी वजन कम करने के लिए तमाम तरह के उपाय और टिप्स अपनाकर परेशान हो चुके और फिर भी वजन कंट्रोल नहीं हो रहा है, तो जौ का पानी आपके लिए लाभकारी हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर्स ने जौ के पानी को वजन कंट्रोल करने और पाचन तंत्र को हेल्दी बनाए रखने में फायदेमंद बताया है।
जौ का पानी न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव करता है। आइए जानते हैं कि 30 दिनों तक सुबह खाली पेट जौ का पानी पीने के क्या फायदे हैं।
जौ का पानी पीने के फायदे।
बेहतर पाचन के लिए सहायक
जौ का पानी पाचन में मदद करता है। ये फाइबर से भरपूर होता है जो स्वाभाविक रूप से पाचन सुधारने और कब्ज को रोकता है और स्वस्थ माइक्रो बियम बढ़ाता है।
शुगर मरीजों के लिए फायदेमंद
ये फाइबर ग्लूकोज के अवशेष को धीमा करता है जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद मिलती है। डायबिटीज के रोगियों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद है।
कोलेस्ट्रॉल कम होना
कोलेस्ट्रॉल कम होता है। जौ का पानी शरीर में से बाइल एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे लिवर नया बाइल बनाने के लिए अधिक कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करता है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम होता है।
इम्यूनिटी बूस्ट करना।
जौ के पानी में मौजूद विटामिन और खनिज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं। यह शरीर को वायरस और बैक्टीरिया जैसी बीमारियों से बचाता है। बार-बार होने वाली बीमारियों से बचने के लिए यह पानी रोजाना पीना अच्छा है।
वज़न कम करने में सहायक
जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं, उनके लिए जौ का पानी बेहद असरदार उपाय हो सकता है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो पेट को देर तक भरा रखती है और अनावश्यक भूख को कम करती है। इसके अलावा यह मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर फैट को तेजी से बर्न करता है। बता दें, सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना जौ का पानी पीने से दिनभर आपको ओवरइटिंग से बचने में मदद मिलेगी।
कैसे बनाएं जौ का पानी।
जौ का पानी बनाने के लिए आपको 1/4 कप साबुत जौ, 4 कप पानी, स्वाद अनुसार नींबू रस या शहद लें। इसके बाद जौ को अच्छे से धोकर रातभर भिगो दें।
अगली सुबह इसे पानी में उबालें, जब तक पानी आधा ना रह जाए। फिर इसे छानकर ठंडा करें और नींबू या शहद मिलाकर सेवन करें।




