
Akhilesh Yadav speaking on Kashmir terror incident during press meet
पहलगाम आतंकी हमले पर बोले अखिलेश यादव: पर्यटकों की सुरक्षा में विफल रही केंद्र सरकार, आतंकवादियों पर हो कड़ी कार्रवाई
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार पर सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आतंकी घटना का राजनीतिक लाभ न उठाया जाए और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज पर लगाम लगे।
लखनऊ, (Shah Times) । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा में भारी चूक हुई है और इस घटना के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
पार्टी मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कहा, “आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, उनका मकसद केवल डर फैलाना और स्थानीय व्यवसाय को नुकसान पहुंचाना होता है। सरकार को चाहिए कि वह इस हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।”
उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सपा की ओर से राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव पार्टी का पक्ष रखेंगे। यादव ने जोर देते हुए कहा कि “ऐसी वीभत्स घटनाओं से किसी भी राजनीतिक दल को राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है।”
सपा अध्यक्ष ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज और भ्रामक पोस्ट्स पर कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर आतंकियों ने हमला किया वह निर्जन नहीं था, फिर भी वहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे।
“सरकार ने कश्मीर घाटी में कई निर्णय लिये, लेकिन अब उसे पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। सिर्फ घोषणाएं काफी नहीं हैं, ज़मीन पर कार्रवाई दिखनी चाहिए।” – अखिलेख यादव ने कहा।
इसके साथ ही उन्होंने देश के युवाओं में “अग्निवीर योजना” के खिलाफ बढ़ते असंतोष का भी ज़िक्र किया और कहा कि देश की सुरक्षा के लिए पक्की नौकरी, पक्की वर्दी और समुचित बजट ज़रूरी है।
अखिलेश यादव ने देश के विभिन्न राज्यों में व्यापार कर रहे कश्मीरी नागरिकों का समर्थन करते हुए कहा, “कारोबार हमें जोड़ता है, इसमें कोई धर्म या जाति नहीं होती। सोशल मीडिया पर पनप रही यह सोच कि कश्मीरियों को अन्य राज्यों में व्यापार करने से रोका जाए, बेहद खतरनाक है। इसे रोकना ही होगा।”
सपा अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया न केवल आतंकी घटनाओं पर सरकार की भूमिका पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता के मुद्दों पर एक गंभीर बहस को जन्म देती है।