
मुजफ्फरनगर,नदीम सिद्दीकी (Shah Times)। लोकसभा मुजफ्फरनगर की पांचों विधनसभाओं में डाले गए बूथवार मतों का विवरण जिला प्रशासन ने आज निष्पक्षता दिखाते हुए जारी कर दिया है।
जिसके अनुसार इस लोकसभा केे 1817472 मतदाताओं में से 1074608 मतदाताओं ने अपने मताध्किार का प्रयोग किया। इस लोकसभा की बुढ़ाना विधनसभा में कुल 396966 मतदाताओं में से 241961 ने मतदान किया। जिनमे से 109188 महिला तथा 132773पुरूष मतदाता रहे।
चरथावल विधनसभा के 346373 मतादाताओं में से 212054 ने वोट डाली इनमें 114679 पुरूष व 97374 महिला मतदाता रहे। मुजफ्रपफरनगर विधनसभा के 374415 मतदाताओं में से 214375 ने वोट डाली। इनमें 117168 पुरूष व 97195 महिला मतदाता रही। खतौली विधनसभा के 331034 मतदाताओं में से 204412 ने वोट डाली। इनमें 112449 पुरूष तथा 91962 महिला रही। सरध्ना विधनसभा में 368684 में से 201806 मतदाताओं ने वोट डाली। इनमें 115032 पुरूष तथा 86769 महिला मतदाता रही।
विवरण आने के बाद अब सभी यह छाटने में लगे है कि मुस्लिम मतदातओं का मत प्रतिशत कितना रहा और लगभग कितने मुस्लिम मतदातओं ने वोट डाली। उसी आंकड़े के आधर पर प्रत्याशी और उनके समर्थक हारजीत निकालने में जुटे हुए है। इस सीट पर 6 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता है जिनका मध्य प्रतिशत इस बार बहुसंख्यक मतदाताओं के मुकाबले ज्यादा बताया जा रहा है। इसी कारण मुस्लिम मतदाताओं के ऊपर ही हार जीत टिक गई है। फिल्हाल भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान के समर्थक उनके आवास पर बधई देने आ रहे है तथा भाजपा खेमे द्वारा दावा किया जा रहा है कि 40 से 50 हजार मुस्लिम वोट इस बार भाजपा प्रत्याशी को मिल रही है। कई मुस्लिम प्रधान तो बकाएदा लिस्ट और ईवीएम मशीन पर मत डालने का फोटो भी इसके समर्थन में दिखा रहे है।
खुद संजीव बालियान का कहना है कि वह 50 हजार मतों से चुनाव जीत रहे है। दूसरी और सपा प्रत्याशी हरेन्द्र मलिक का खेमा भी जीत की हुंकार भर रहा है। हरेन्द्र मलिक का चेहरा खुशी से चमका हुआ है। उनके चाहने वाले कह रहे है कि इस बार मुस्लिम मतदातओं ने खुद इतनी वोट डाली कि उनकी जीत में कोई संशय ही नहीं रह गया है। वह भाजपा को मुस्लिम वोट मिलने की बात को यह कहकर नकार रहे है कि भाजपा प्रत्याशी अभी तक सदमें की स्थिति से बाहर ही नहीं आए है जो इस तरह हसीन सपने देख रहे है। खुद हरेन्द्र मलिक का कहना है कि उन्हे हर समाज की वोट मिली जिस कारण वह 75 हजार वोटो से अध्कि मतों से चुनाव जीतने जा रहे है। ऐसा नहीं है कि बसपा प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति मतदान के रूझान से खुद को चुनाव मैदान से बाहर आ रहे है। उनके समर्थक भी उनका यह कहकर हौंसला बढ़ा रहे है कि उन्हे अति पिछड़ों के साथ-साथ मुस्लिमों का भी साथ मिला। तथा दलित मतदाता चट्टान की तरह हाथी पर वोट डालते रहे। इस बार बसपा के पंरापरागत वोट बैंक में किसी प्रकार की कोई सैंदमारी नहीं हुई। तथा साईलेंट वोट उन्हे मुस्लिमों के भी खुब मिले है। जिस कारण वह भी चार लाख से अधिक वोट लेकर चुनाव जीत रहे है।