
डूंगरपुर के निवासियों ने 2019 में आजम खान के खिलाफ गंज थाने में कॉलोनी खाली करवाने के नाम पर लूट, चोरी, मारपीट समेत विभिन्न धाराओं में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे।
Lucknow,(Shah Times)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के मशहूर डूंगरपुर केस में सात साल जेल की सजा पाए सीनियर सपा लीडर आजम खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खां, ठेकेदार बरकत अली और अजहर खां की जमानत याचिका खारिज कर दी है।यह हुक्म जस्टिस राजीव मिश्रा की एकल पीठ ने सजा निलंबित करने और जमानत पर रिहा करने की आजम खान की अपील पर दिया है। मामला रामपुर जिले के गंज थाना क्षेत्र का है।
एहतेशाम नाम के व्यक्ति ने आजम खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खान, ठेकेदार बरकत अली और तीन अन्य के खिलाफ मारपीट, घर में घुसकर तोड़फोड़ करने और जान से मारने की धमकी देने का इल लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। 30 मई 2024 को रामपुर की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम को दस साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ सपा नेता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।डूंगरपुर में रहने वालों में ने 2019 में आजम खान के खिलाफ गंज थाने में कॉलोनी खाली कराने के नाम पर लूट, चोरी, मारपीट समेत विभिन्न धाराओं में 12 मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें से तीन मुकदमों में फैसला आ चुका है। दो मामलों में आजम को बरी किया जा चुका है। जबकि एक मामले में उसे दस साल कैद की सजा सुनाई गई है।
इस चौथे मामले में उसे सात साल की सजा सुनाई गई है। आरोप था कि तीन फरवरी 2016 को जेल रोड निवासी एहतेशाम खां के घर में कुछ लोगों ने घुसकर मारपीट की थी। साथ ही मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। तीन साल बाद 25 जुलाई 2019 को एहतेशाम ने रामपुर के गंज थाने में पूर्व सीओ सिटी आले हसन खां, पूर्व चेयरमैन अजहर खां, ठेकेदार बरकत अली और 20 से 25 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।