
Nitish Naidu Shah Times
भाजपा अकेले अपने दम पर 272 का जादुई आंकड़े पार कर पाने में समर्थ नहीं हैं
नई दिल्ली,(शाह टाइम्स ) । लोकसभा चुनाव के रूझानों में यह साफ हो गया है कि भाजपा अकेले अपने दम पर 272 का जादुई आंकड़े पार कर पाने में समर्थ नहीं हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को इस बार अपने अहम सहयोगी टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार पर निर्भर रहना पड़ेगा।
मोदी सरकार 3.0 के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह न सिर्फ अपने सहयोगी को साधे रखे,बल्कि उन्हें हमेशा साथ भी रखे। हालांकि भाजपा के लिए इन दोनों पार्टियों को साधे रखने के लिए कई समझौते करने पड़े। लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा ने यह सापफ कर दिया था कि मोदी सरकार 3.0 में यूनिफाॅर्म सिविल कोड कोर एजेंडे में शामिल होगा।
उत्तराखंड में भाजपा सरकार पहले ही इसे लागू कर चुकी है। ऐसे में माना जा रहा था कि केंद्र की सत्ता वापस में लौटने के बाद भाजपा प्राथमिकता के साथ इसे आगे बढ़ाएगी, लेकिन अब सहयोगी दल भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भाजपा पर इस निर्णय को वापस लेने पर दबाव बना सकते हैं। भाजपा के एजेंडे में वन नेशन, वन इलेक्शन भी शामिल है। इस संबंध में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी हैं। 47 राजनीतिक दलों में से 32 दल तैयार हैं। एनडीए गठबंधन में इस बार जदयू और टीडीपी की भूमिका अहम है। ऐसे में वे भाजपा के इस एजेंडे पर भी रोड़ा बन सकते हैं।
इसके अलावा बिहार के मुख्यमंत्राी नीतीश कुमार मोदी सरकार 3.0 देशभर में जातिगत जनगणना कराने को लेकर दबाव बना सकते है। क्योंकि बिहार में पिछड़ी जातियों के अलावा दलित और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। नीतीश अपने राज्य बिहार में इस जनगणना को करवा चुके हैं। वे लंबे समय से देश में इसे करवाने की डिमांड कर रहे हैं, क्योंकि अन्य विपक्षी दल चाहे वह कांग्रेस हो या फिर फर आरजेडी दोनों ही इस जातिगत जनगणना की मांग कर रही है।