रिपोर्ट: नसीम कुरैशी
बुजुर्ग अधिकारियों को दे रहा अपने जीवित होने का सबूत
मुख्यमंत्री के समक्ष आत्मदाह करने की धमकी
बुढाना/मुजफ्फरनगर। एक वृद्ध 6 साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और कह रहा है कि मैं जिंदा हूं और वोट न देने की रंजिश में मुझे तत्कालीन महिला प्रधान के हस्त लिखित लेटर पर बिन जांच किए तहसीलकर्मियों ने मृत घोषित कर दिया। इस मामले में अधिकारी चुप हैं। पीड़ित वृद्ध ने मुख्यमंत्री के समक्ष पेश होकर आत्मदाह करने की बात कही है।
बुढाना (Budhana) क्षेत्र के गांव बिराल (Biral) के 83 वर्षीय रघुराज पुत्र रतन (Raghuraj son Ratan) ने बताया कि वे 6 भाई थे। जिनमें सबसे बड़ा वो खुद, दूसरा मास्टर (मृतक), तीसरा श्याम सिंह जो धनबाद (Dhanbad) जिले में हैं। चौथा अमन जिसने गांव की तत्कालीन महिला प्रधान से उसको मृत घोषित करवा दिया। 5 वें व छठें बलराज व वीर सिंह जो मृतक हैं। सबके नाम 8 बीघा भूमि है।
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इस भूमि में रघुराज (Raghuraj) का हिस्सा हड़पने की नीयत से आरोपी छोटे भाई अमन ने तत्कालीन महिला प्रधान के पति दीपक से साज खाकर तत्कालीन महिला प्रधान अर्चना सिंह के लेटर पैड पर ये लिखवाया कि रतन पुत्र न्यादर ग्राम बिराल बुढाना मुजफ्फरनगर (Budhana Muzaffarnagar) का निवासी है। इसकी मृत्यु हो चुकी है। इसकी मृत्यु के बाद इसका जायज वारिस इसका पुत्र अमन पुत्र रतन है। इसके अलावा इसका अन्य कोई वारिस नहीं है।
ग्राम की तत्कालीन महिला प्रधान अर्चना ने अकेले अमन को एकल वारिस बना दिया जबकि रघुराज या उसके 4 भाइयों का कोई जिक्र लेटर में नहीं है। इसका पता रघुराज को 6 वर्ष पूर्व लगा कि 8 बीघा भूमि में उसका छठा हिस्सा नहीं है बल्कि उसके भाई अमन ने उसको तत्कालीन चकबंदी अधिकारी व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से मृत घोषित करवा दिया। अब रघुराज चक्कर काट रहा है और कह रहा है कि वो जिन्दा है मगर कोई भी संबंधित अधिकारी उसकी सुनने को तैयार नहीं है।