अमेरिका में फ्लोरिडा के एक परिवार ने नासा से 80 हजार डॉलर यानी करीब 67 लाख रुपये का दावा किया है।
Washington , (Shah Times)। अमेरिका में फ्लोरिडा के एक परिवार ने NASA पर 80 हजार डॉलर यानी करीब 67 लाख रुपए का दावा किया है। दरअसल, अंतरिक्ष से गिरा मलबे का एक छोटा टुकड़ा इस परिवार के मकान की छत से टकरा गया, जिससे छत को नुकसान पहुंचा था। अभी इस मामले में नासा का पक्ष सामने नहीं आया है।
बताया जा रहा है कि घटना इस साल 8 मार्च की है जब करीब 700 ग्राम वजन की एक वस्तु फ्लोरिडा के नेपल्स स्थित अलेजांद्रो ओटेरो के घर से टकरा गई, जिससे छत में छेद हो गया। हालांकि किसी को चोट नहीं आई थी। जिसके बाद नासा ने सफाई दी कि यह प्रयोग की गई बैटरियों के कार्गो पैलेट का हिस्सा था, जिसे 2021 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से कचरे के रूप में छोड़ा गया था।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा कि वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद भी ये पूरी तरह से नष्ट नहीं हो पाया।
क्लाइंट ओटेरो का कहना है की जब कचरे का टुकड़ा उनके घर पर गिरा तो उस समय उनका बेटा डेनियल घर पर ही मौजूद था। हालांकि इस घटना में उसे चोट नहीं पहुंची लेकिन कोई भी बड़ी घटना हो सकती थी। इसलिए ओटेरो चाहते हैं कि NASA इसकी भरपाई करे।
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इसी के चलते ओटेरो की वकील मीका गुयेन वर्थी ने कहा की इस घटना से मेरे क्लाइंट के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। वह इस घटना से जुड़ी परेशानी के लिए उचित मुआवजा मांग रहे हैं। वे आभारी हैं कि इस घटना में किसी को शारीरिक चोट नहीं आई लेकिन इस तरह की स्थिति खतरनाक हो सकती थी। किसी को गंभीर चोट लग सकती थी या फिर किसी की जान भी जा सकती थी।
क्रैनफिल ने जानकारी देते हुए बताया की अंतरिक्ष में लगातार कचरा बढ़ता जा रहा है जिसकी वजह से हादसे भी बढ़ गए हैं। नासा इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देती है इसका सभी को इंतजार है और यह भविष्य में एक मिसाल बन सकता है। फर्म ने कहा कि नासा के पास अपने जवाब देने के लिए छह महीने हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक NASA ने इस मुद्दे पर कोई तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी है।
आपको बता दें कि पिछले करीब साठ वर्षों के दौरान जिस तरह से दुनिया भर के देशों की अंतरिक्ष गतिविधियां बढ़ी हैं, उससे स्पेस में मलबा बढ़ता ही जा रहा है। NASA की वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में पृथ्वी की ऑर्बिट में 10 सेमी से बड़ी 29,0i00 से अधिक वस्तुएं अस्तित्व में हैं।
नासा के अनुमान के अनुसार रोजाना कम से कम एक टुकड़ा धरती पर आता है। ये टुकड़ा या तो धरती पर कहीं न कहीं गिर जाता है या फिर वायुमंडल में आते ही जल जाता है। अंतरिक्ष का ज्यादातर कचरा पानी में ही गिरता है, क्योंकि धरती पर 71% हिस्से में पानी है। 1979 में नासा का स्पेस सेंटर स्कायलैब धरती पर गिरा था, लेकिन वो भी समुद्र में ही गिरा था। काफी समय तक इस घटना की चर्चा होती रही थी। दरअसल इस मलबे का वजन 75 टन था, अगर यह जमीन के किसी हिस्से पर गिरता तो बड़ी तबाही आ सकती थी।