
हिंदू साबित करने के लिए एक पार्टी का प्रमाण पत्र चाहिए मेरठ में आयोजित जाट महा सम्मेलन में बोले युद्धवीर सिंह
मेरठ। जय श्री राम से बचो, नहीं तो नष्ट हो जाओगे। हमें हिंदू साबित करने के लिए एक पार्टी के प्रमाणपत्र की जरूरत है। ये बातें अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने यहां आयोजित जाट प्रांतीय महासम्मेलन में कहीं। युद्धवीर सिंह ने कहा कि आज सबसे बड़ा खतरा दो तरह के समाज से है। एक हमारा राम राम भाई का समाज है। दूसरा समाज जय श्री राम का हो गया। इन जय श्री राम वालों से बचो।
उन्होंने कहा कहा कि हमने शुरू से राम, राम कहा। हमसे बड़ा कोई रामभक्त है जो ये हमसे आज हिंदू होने का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं, खुद को हिंदू या रामभक्त बताने के लिए हमें एक पार्टी के दफ्तर से प्रमापण पत्र लेने की जरूरत पड़ गई है। हम तो थे ही रामभक्त। हमारे राम तो कण कण में हैं, लेकिन, अब ये जयश्री राम का कल्चर आ गया है। जय श्री राम और राम राम में अंतर है। अपनी पीढ़ी को जय श्री राम से नहीं बचाया तो नष्ट हो जाओगे। जाट समाज ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों के आरक्षण की मांग के लिए यह सम्मेलन रखा था। सम्मेलन में जाट नेताओं ने इशारों में आरएसएस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा है।
युद्धवीर सिंह ने आगे कहा कि आज भिखमंगों और व्यापारियों के हाथ में देश है। इन्हें कभी देश से प्यार नहीं होता। कहते हैं कि 1857 में मेरठ से क्रांति की शुरुआत हुई, ये गलत है। 1193 में भाचू, बलेड़ा से पहला स्वतंत्रता संग्राम हमारी खाप पंचायत ने लड़ा था। जब फिरंगियों को मारकर भगाया। लेकिन, लिखने वालों ने उन्होंने नहीं लिखा। उन्हें हमसे एलर्जी थी, क्योंकि हम उनकी दुकान पर नहीं जाते थे। 1857 की लड़ाई मंगल पांडे ने शुरू की। उसने कारतूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। देश के खिलाफ मंगल पांडे की लड़ाई नहीं थी, लेकिन इतिहास में उन्हें आजादी की लड़ाई का आगाजकर्ता लिखा गया। जबकि खापों के 8 हजार मल्ल दिल्ली में देश की सुरक्षा में बलिदान हुए उनका कहीं जिक्र नहीं। इतिहास झूठ का पुलिंदा है। आयोजन में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों, इसके लिए जाट महासभा के पदाधिकारी एक महीने से जनसंपर्क में जुटे थे।
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी के नेतृत्व में जाट समाज के लोगों ने गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया था। गांव दबथुवा, पथौली, सरूरपुर, मीरपुर, भदौड़ा, रोहटा आदि गांव के लोगों से सम्मेलन का हिस्सा बनने की अपील की थी।
आरक्षण जाटों का हकः टिकैत
सम्मेलन में जाटों ने आरक्षण के लिए हुंकार भरी। मुख्य वक्ता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए। इस कौम का हर क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा है। आरक्षण समाज का हक है। आज इसी के लिए उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों से भी जाट समाज के लोग आज जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। जाटों का इतिहास दबाया जा रहा है, इतिहास में हमारा योगदान है और जाट इसके हकदार है। जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन में पहुंचे नरेश टिकैत ने कहा कि यहां बिरादरी एकत्र हुई है किसी पार्टी का झंडा नहीं है। समाज की कुरीतियों को लेकर जाट समाज एकत्र हुआ है। जाट आरक्षण के हकदार हैं और उन्हें केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण मिलना चाहिए। लोकसभा चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है, जिसकी जहां मर्जी हो वहां वोट करे।
रालोद का भी समर्थन
प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में रहे। रालोद के रास्ट्रीय सचिव डा. राजकुमार, सांगवान, सुनील रोहटा, अशोक, गौरव काफी संख्या में बड़े रालोद नेता जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए आगे आए।
वोट उसे जो देगा आरक्षण
इंजीनियर सत्येंद्र चौधरी ने लोगों से अपील की इस सम्मेलन में पहुंचकर सत्ता के नशे में चूर इस अहंकारी सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराएं। जाटों के आरक्षण का मुद्दा अब लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए कड़ी चुनौती बन सकता है। क्योंकि जाटों का दो टूक कहना है जो आरक्षण देगा, वही हमारा वोट पाएगा। भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, मेरठ में हुए प्रांतीय सम्मेलन में बालियान खाप के चौधरी, मलिक खाप के अध्यक्ष, तोमर देश खाप के अध्यक्ष, भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाट समाज के चिंतकों ने भाग लिया। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से लोग जुटे।
एक अक्टूबर को होगी जाट संसद
जाट सम्मेलन के साथ एक अक्टूबर को मेरठ में जाट संसद भी बुलाई गई है। पिछले 3 महीने से पदाधिकारी जाट संसद की तैयारी में जुटे हैं। लगातार जनसंपर्क भी साधा जा रहा है।
इस पंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल से जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के नेता शामिल हुए।







