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नई दिल्ली, (शाह टाइम्स)। बेशक भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर लगातार तीसरी बार सरकार बना ली हो, लेकिन इस बार दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर नहीं निकला हैं। लेकिन सीट के लिहाज से देश के सबसे बड़े प्रदेश में बीजेपी को बड़ी हार मिली हैं।
आपको बता दें कि BJP यहां 80 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने का दावा कर रही थी, लेकिन पार्टी अपना पुराना प्रदर्शन भी नहीं बचा पाई थी। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 में BJP को 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत मिली, जबकि 2019 में यहां बीजेपी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
दरअसल उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद BJP में अंदरूनी कलह भी देखने को मिल रही है। वहीं एक तरफ CM योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि Congress के झूठ को पार्टी कार्यकर्ता काउंटर नहीं कर पाए हैं।
कार्यकर्ताओं ने फील्ड पर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कहना हैं, कि कार्यकर्ता सर्वोपरी है, हम उससे समझौता नहीं करेंगे। वहीं दूसरी तरफ केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है और जो आपका दर्द है, वही मेरा दर्द है।
दरअसल सूत्रों के मुताबिक, BJP ने हार की वजहों और जवाबदेही तय करने के लिए कई पॉइंट पर चर्चा की है। जिसमें कई किरदार हैं, लेकिन कलह से बचने के लिए अभी किसी एक का नाम तय नहीं किया गया है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जिस तरह बैठक में कहा कि संगठन से बड़ा कोई नहीं है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी के अंदर योगी आदित्यनाथ को लेकर दो गुट बंट गए हैं और कई लोग योगी को इस हार का जिम्मेदार मान रहे हैं।