मेरठ में बसपा को लगा झटका, जिला उपाध्यक्ष ने की भाजपा ज्वाइन…

बसपा पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हसीन यासीन ने भी हाथी का साथ छोड़ते हुए कमल के साथ रहने का ऐलान कर दिया है बसपा जिला उपाध्यक्ष हसीन यासीन अब भाजपेई हो चुके है।

शाहवेज खान

मेरठ: शाह टाइम्स। बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में खुद को स्थापित करने के लिए बहुत कुछ कर रही है लेकिन पार्टी बुरे दौर से गुजर रही है पहले संगठन में आने के लिए लोगों को लंबी-लंबी कतारों का सामना करना पड़ता था वहीं अब वह कतारे पार्टी छोड़ने के लिए लगी हुई है पार्टी में उदासीनता और अनदेखी के चलते कई चेहरे बसपा के हाथी को अलविदा कह चुके हैं तो वहीं अब पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हसीन यासीन ने भी हाथी का साथ छोड़ते हुए कमल के साथ रहने का ऐलान कर दिया है बसपा जिला उपाध्यक्ष हसीन यासीन अब भाजपेई हो चुके हैं उन्होंने लखनऊ में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली की अगवाई में भाजपा ज्वाइन की और कहा कि बसपा अब डूबता हुआ जहाज है जो पूरी तरह डूब चुका है सिर्फ कुछ अंश डूबने बाकी है उन्होंने कहा कि बसपा के अंदर पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई कदर नहीं है दलाल तंत्र पूरी तरह हावी है इसीलिए उन्होंने पार्टी को अलविदा कहा है भाजपा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि देश लगातार तरक्की कर रहा है और भाजपा के अंदर पार्टी कार्यकर्ता को बहुत अहमियत दी जाती है जिस कारण उन्होंने भाजपा ज्वाइन करने का फैसला लिया है उन्होंने कहा कि केंद्र और यूपी की सरकार लगातार देश के नागरिकों को मजबूत बना रही है देश जहां अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया में पहचान बना रहा है वहीं उत्तर प्रदेश विकास के नए पथ पर है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश को मजबूत बनाने के लिए दलित पिछड़ों और अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी पार्टी की मुख्य धारा से जोड़ रहे हैं वही हसीन यासीन के भाजपा ज्वाइन करने के बाद उनके समर्थकों ने भी उनके इस कदम को सराहा है और भविष्य में भी उनके कदम से कदम मिलाकर पार्टी हित में काम करने की बात कही है दूसरी तरफ हसीन यासीन के बसपा छोड़ने के बाद पार्टी के अंदर हलचल मच गई है।

बाबू मुनकाद को पश्चिम से हटाना पार्टी के लिए रहा नुकसानदायक

आपको बता दें कि जिस समय पार्टी अपने उरूज पर थी उस समय पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी बाबू मुनकाद पूर्व राज्यसभा सांसद हुआ करते थे उन्होंने पश्चिम के अंदर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए गली-गली संगठन को खड़ा किया था मुस्लिम समाज भी आंख बंद करके बसपा पर विश्वास करने लगा था जिसके चलते मायावती चार बार उत्तर प्रदेश मे मुख्यमंत्री बनी लेकिन धीरे-धीरे पश्चिम में बाबू मुनकाज को पार्टी में किनारे कर दिया जिसका खामियाजा आज पार्टी को उठाना पड़ रहा है पश्चिम उत्तर प्रदेश के अंदर पार्टी पूरी तरह बिखर चुकी है आज मुस्लिम समाज भी पार्टी से पूरी तरह दूरी बनाता हुआ दिख रहा है अगर बहुजन समाज पार्टी अपने कुछ चेहरों का सही इस्तेमाल कर पाती तो शायद पार्टी पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में होती।

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