
New Delhi , (Shah Times )। गुजरात के साबरकांठा जिले में इन दिनों एक संदिग्ध वायरस का खौफ फैला हुआ है। दरअसल, गुजरात में चांदीपुरा वायरस के संदिग्ध संक्रमण से लोगों में खौफ है। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक चार बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि दो अन्य बच्चे इस संक्रमण से पीड़ित है जिनका इलाज चल रहा है।
राज्य के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों बच्चों का इलाज जिले के हिम्मतनगर स्थित सिविल अस्पताल में चल रहा है। फिलहाल सभी बच्चों के खून के जांच लेकर जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
आपको बता दें कि चांदीपुरा वायरस, रैबडोविरिडे परिवार का एक सदस्य है, जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है और तीव्र इंसेफेलाइटिस, मस्तिष्क की गंभीर सूजन का कारण बन सकता है। इसकी पहचान सबसे पहले 1965 में महाराष्ट्र में हुई थी और इसे देश में इंसेफेलाइटिस बीमारी के विभिन्न प्रकोपों से जोड़ा गया है।
बताया जा रहा हैं की अधिकारियों ने संक्रमण को रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। राजस्थान के अधिकारियों को संदिग्ध वायरल संक्रमण के कारण हुई मौतों के बारे में सूचित कर दिया गया है। इससे पहले 2003 में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में इसका एक बड़ा प्रकोप हुआ था। इसके परिणामस्वरूप 329 प्रभावित बच्चों में से 183 की मृत्यु हो गई थी। 2004 में गुजरात में भी छिटपुट मामले और मौतें देखी गईं थी। वायरस का संक्रमण मच्छरों, टिक्स और सैंडफ्लाई जैसे वाहकों के माध्यम से होता है।
साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी राज सुतारिया ने जानकारी देते हुए कहा कि छह प्रभावित बच्चों के रक्त के नमूने पुष्टि के लिए पुणे में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए हैं। एक अधिकारी ने कहा, “10 जुलाई को चार बच्चों की मौत के बाद हिम्मतनगर सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने चांदीपुरा वायरस पर संदेह जताया था। वर्तमान में अस्पताल में भर्ती दो अन्य बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो इसी वायरस से संक्रमण की संभावना को दर्शाता है।