
Jayant Chirag shahtimesnews
भाजपा गठबंधन में दोनों नेताओं की पार्टियों को मिली सभी सीटों पर विजय प्राप्त हुई है
Written By Nasir Rana
नई दिल्ली,(Shah Times) । आज शाम नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं ऐसे में चर्चा तेज हो रही है कि एनडीए सरकार के सहयोगी दलों को क्या-क्या मंत्रालय और किन सहयोगियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
ऐसे में दो दिवंगत राजनीति के खिलाड़ियों के पुत्रों को भी पहली बार मंत्री बनने का सौभाग्य मिलने जा रहा है हम बात कर रहे हैं स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह और स्वर्गीय रामविलास पासवान की जिन्हें सियासत में मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था अब उनकी पार्टियों की बागडोर उनके पुत्रों के हाथ में है जो इस समय अपनी अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं जिनमे जयंत चौधरी और चिराग पासवान है।
जिन कारणों के चलते इन दोनों के पिता समर्थन वाली सरकारों में मंत्री बना करते थे इस बार 2024 लोकसभा के नतीजे के बाद भी ऐसी ही स्थित एक बार नरेंद्र मोदी के सामने आ खड़ी हुई है। 240 सीट प्राप्त कर भाजपा जनादेश से काफी दूर रह गई जिसके चलते उसे सहयोगी दलों पर निर्भर होना पड़ा है।
पहले हम बात करते है चिराग पासवान की
चिराग पासवान (Chirag Paswan) को मोदी कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है क्योंकि इनकी पार्टी लोजपा का 100 फीसदी स्ट्राइक रेट है। इन्हें बिहार में 5 सीटें वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई दी गई थी। इनकी पार्टी ने पांचों सीट जीत लिए हैं। गौरतलाप है कि चिराग पासवान के पिता एवं लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान एनडीए में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और जनता दल सरकार में कई बार केंद्रीय मंत्री रहे हैं और हर बार उनका महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलना तय रहता था। रामविलास पासवान के निधन के पश्चात उनके पुत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और इस बार बिहार में पांच लोकसभा सीटों में से पांचों लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की। चिराग पासवान को कैबिनेट का पौधा मिलन लगभग तय हो चुका है और इनको स्टील मिनिस्टर या खाद उर्वरक मंत्रालय मिलने की संभावना है।
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी
जयंत चौधरी जो राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं और अजीत सिंह की मृत्यु के बाद पार्टी की कमान उन्हीं के हाथों है इस बार लोकसभा चुनाव से और वक्त पर इंडिया का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आए जयंत चौधरी को उत्तर प्रदेश में गठबंधन के तौर पर दो सिम देकर भाजपा ने जाट वोटो को साधने का काम किया था। वहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा बुरी तरह हार गई मगर रालोद के हिस्से में आई दोनों सीटे बिजनौर व बागपत विजय प्राप्त की। जयंत चौधरी इस समय स्वयं राज्यसभा के सदस्य हैं और अब उनकी पार्टी के दो लोकसभा सांसद भी है ऐसे में जयंत चौधरी को मोदी कैबिनेट में कम से कम स्वतंत्र प्रभार या कैबिनेट मंत्री का पद मिलना तय माना जा रहा है और उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि जयंत चौधरी को कृषि या नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया जा सकता है।