
उत्तराखंड में विधानसभा सीटों पर 10 जुलाई को हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित कर दिए गए। दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस पार्टी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है।
देहरादून,(Shah Times) । उत्तराखंड में रिक्त हुए दो विधानसभा क्षेत्रों में 10 जुलाई को हुए उपचुनाव के परिणाम शनिवार को आ गए। दोनों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कांग्रेस पार्टी से करारी शिकस्त मिली है। बद्रीनाथ से लखपत बुटोला ने 5,224 मतों से, जबकि मंगलौर से काज़ी निजामुद्दीन 449 मतों से जीते हैं।
उत्तराखंड में दो विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव की शनिवार को हुई मतगणना में कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ता दिख रहा। इनमें मंगलौर से कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) करतार सिंह भड़ाना को 449 मतों से शिकस्त दे दी है।
दस चरणों में हुई मतगणना में अंतिम कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन को 32,710 और भाजपा के करतार सिंह भड़ाना ने 31,261, बहुजन समाज पार्टी के उबैदुर रहमान ने 19,552 मत हासिल किए हैं।
चमोली जिले की बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस पार्टी के लखपत सिंह बुटोला ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के राजेंद्र सिंह भंडारी को पराजित किया है। सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होने के बाद से ही बुटोला लगातार भंडारी से आगे चल रहे थे। जैसे जैसे उनका वोट अंतर बढ़ा, वैसे ही वैसे कांग्रेस समर्थकों ने पूरे बदरीनाथ क्षेत्र में जश्न मनाना शुरू कर दिया। जमकर मिठाइयां बांटी गईं और अबीर, गुलाल उड़ाया गया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी भंडारी ने वर्ष 2022 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस कारण यह सीट रिक्त होने पर दस जुलाई को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ। भाजपा ने श्री भंडारी पर भरोसा व्यक्त करते हुए उन्हें ही प्रत्याशी बनाया। पौड़ी संसदीय क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर हाल में हुए चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी को बढ़त हासिल हुई। परन्तु उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।
हरिद्वार जिले की मंगलौर सीट से कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 449 मतों से पराजित किया है। दस चरण की मतगणना में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 31,710 वोट मिले। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 31,261 वोट मिले। बसपा के उबेदुर्रहमान को कुल 19552 वोट मिले। लोकसभा चुनाव में भाजपा को इस सीट से बढ़त हासिल हुई थी। इस क्षेत्र से भाजपा कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस का दबदबा रहा है। यह सीट बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन से रिक्त हुई थी। इस चुनाव में दिवंगत अंसारी के पुत्र को बसपा ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे।