नव्य-भव्य संसद भवन के उद्घाटन पर हुआ महिला खिलाड़ियों का अपमान

महिला खिलाड़ियों को संसद के नजदीक सड़कों पर किया गया अपमानित

नई दिल्ली,(शाह टाइम्स)। कांग्रेस ने कहा है कि संसद जनता की आवाज होती है लेकिन जब नव्य-भव्य संसद भवन का उद्घाटन हुआ तो देश के लिए मेडल लाने वाली महिला खिलाड़ियों को संसद के नजदीक सड़कों पर अपमानित किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नीता डिसूजा तथा कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहंकार और भाजपा सरकार की तानाशाही करार देते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की बात करने वाली सरकार ने जिस दिन नये संसद भवन का उद्घाटन किया उसी दिन संसद भवन के करीब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही महिला पहलवानों को प्रताड़ित करके देश का मान बढ़ाने वाली बेटियों को अपमानित किया जाता है।
श्री खड़गे ने यहां जारी एक बयान में कहा, “सड़कों पर महिला खिलाड़ियों को तानाशाही के बल से पीटा। भाजपा-आरएसएस के सत्ताधीशों के तीन झूठ अब देश के सामने बे-पर्दा हैं। लोकतंत्र, राष्ट्रवाद, बेटी बचाओ। याद रहे मोदी जी,लोकतंत्र केवल इमारतों से नहीं,जनता कीआवाज़ से चलता है।”
श्री गांधी ने कहा “राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़।”
श्रीमती वाड्रा ने कहा, “खिलाड़ियों की छाती पर लगे मेडल हमारे देश की शान होते हैं। उन मेडलों से,खिलाड़ियों की मेहनत से देश का मान बढ़ता है।भाजपा सरकार का अहंकार इतना बढ़ गया है कि सरकार हमारी महिला खिलाड़ियों की आवाजों को निर्ममता के साथ बूटों तले रौंद रही है। ये एकदम गलत है। पूरा देश सरकार के अहंकार और इस अन्याय को देख रहा है।”
इससे पहले यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सुश्री डिसूजा ने कहा “आज नये संसद भवन की शुरुआत महिलाओं के अपमान के साथ हुई है। श्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भजपा की परंपरा- महिलाओं का अपमान, शोषण, महिला उत्पीड़न को जिंदा रखने का काम किया है।”

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने आज के दिन को देश की महिलाओं के लिए काला दिन बताया और कहा कि न्यू इंडिया के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाना बंद करिए। देश के कोने-कोने में जिन बेटियों- माताओं ने ये देखा है वो कतई चुप नहीं बैठेंगी। मोदी सरकार की तानाशाही के अंत होने के दिन करीब आ रहे हैं। नये संसद भवन के उद्घाटन का हक़ राष्ट्रपति जी से छीना।
श्रीमती श्रीनेत ने भी संवाददाता सम्मेलन में कहा,”इतिहास साक्षी रहेगा कि कैसे एक प्रधानमंत्री अपने आप को सम्राट समझ कर, सत्ता के अहंकार में इतना चूर है कि जिस दिन नये संसद भवन का उद्घाटन होता है उसी दिन एक किमी की दूरी पर देश की बेटियों का चीरहरण होता है। सम्राट ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधी हुई है। ”
उन्होंने कहा,”आज इस देश में बहुत बड़ा इतिहास रचा गया। देश में एक तानाशाह ने अपने राजतिलक का स्वांग रचा। जब तानाशाह अपना राजतिलक करा रहा था, तब देश की सबसे होनहार बेटियां घसीटी और मारी जा रही थीं। ये देश की वो बेटियां हैं, जो बड़े-बड़ों को चित कर देती हैं। जब वो मेडल लाती हैं तो लोग फोटो खिंचवाने के लिए लालायित रहते हैं। ये वो बेटियां हैं जो देश के लिए ख्याति लाती हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री अपने घर की बेटी कहते हैं। उन्हें सड़कों पर ऐसे घसीटा और बेइज्जत किया गया, जैसे वो मुजरिम हों।”
प्रवक्ता ने कहा कि मन में एक सवाल उठता है कि क्या तानाशाह इस कदर सत्ता के अहंकार में चूर है कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। देश की सबसे होनहार और वीर बेटियां एक महीने से जंतर-मंतर पर बैठ कर न्याय की गुहार लगा रही हैं। लेकिन न्याय के नाम पर सिर्फ सरकार की चुप्पी और ये बर्बरता नजर आ रही है।

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