
Congress leader Ajay Rai's remark calling a toy plane "Rafale" sparks political controversy; BJP accuses him of demoralizing the armed forces
कांग्रेस नेता अजय राय द्वारा खिलौने को ‘राफेल’ कहने पर राजनीतिक बवाल, बीजेपी ने सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली (शाह टाइम्स) कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के एक विवादित बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। राय ने सरकार के विरोध में एक खिलौना विमान को ‘राफेल’ कहकर उस पर नींबू-मिर्च टांग दी, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की कि सरकार की रक्षा नीति केवल दिखावा बनकर रह गई है। इसके बाद बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है।
बीजेपी ने बताया सेना के मनोबल को गिराने की साजिश
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने अजय राय के बयान को भारतीय सेना के मनोबल पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “जहां पाकिस्तान सीमा पार से फायरिंग कर रहा है, वहीं कांग्रेस और I.N.D.I.A गठबंधन के नेता देश के अंदर बैठकर सेना पर सवाल उठा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं जो भारत विरोधी ताकतों को बढ़ावा देते हैं।
“बयानबाजी में शामिल हैं बड़े नेता”
त्रिवेदी ने आगे कहा कि यह कोई सामान्य नेताओं की बयानबाजी नहीं है, बल्कि इसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यह स्थिति वैसी ही है जैसी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद फैलाने के बाद उससे पल्ला झाड़ लेने की रणनीति होती है।
अजय राय ने केंद्र से पूछे तीखे सवाल
अजय राय ने सरकार की आतंकवाद के खिलाफ नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि देश में आतंकी घटनाएं बढ़ रही हैं और सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि हमारे जवानों की शहादत के बाद भी केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
“नींबू-मिर्च वाला राफेल”: विरोध का अनोखा तरीका
राय ने एक बच्चों के खिलौने जैसे विमान पर ‘राफेल’ लिखकर और उसमें नींबू-मिर्च टांगकर प्रतीकात्मक रूप से सरकार की रक्षा नीतियों पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “आप राफेल लेकर आए हैं, लेकिन अब वह नींबू-मिर्च के सहारे खड़ा है। इसका इस्तेमाल कब होगा?”
राजनीतिक घमासान तेज
इस बयान के बाद से सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। जहां कांग्रेस इसे सरकार की नाकामी को उजागर करने वाला प्रतीक बता रही है, वहीं बीजेपी इसे देशद्रोह के समान मान रही है। यह मुद्दा आगामी चुनावी माहौल को और गर्मा सकता है।