यूपी में 5 महीने में मिले 3400 लाख रोगी, खून की जांच करने पर डेन-2 स्ट्रेन मिला ,अस्पतालों की ओपीडी फुल
लखनऊ/गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश (UP) में डेंगू (Dengue) की बीमारी तैजी से फैल रही है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों की ओपीडी फुल हैं। लोगों की लम्बी लम्बी लाइनें दिख रही हैं। बीमारी की भयावहता इसी बात से देखी जा सकती है कि गाजियाबाद (Ghaziabad) और नोएडा (Noida) में डेंगू (Dengue) से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। नोएडा में 50 में से 17 मरीजों में डेन-2 स्ट्रेन मिला है।
पूरे उत्तर प्रदेश (UP) में 5 महीने में 3400 लाख डेंगू (Dengue) के मरीज सामने आ चुके हैं। इस दौरान गाजियाबाद-नोएडा में 755 केस मिले हैं। दोनों जिलों में ओपीडी मरीजों से फुल है। स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का कहना है कि बुखार के जितने भी मरीज आ रहे हैं, उन सबकी डेंगू (Dengue) की जांच कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, गाजियाबाद Ghaziabad) में 12 सितंबर को डेंगू के 10 नए केस मिले। यहां अब तक 432 केस मिल चुके हैं। हेल्थ टीमों ने 7449 घरों के सर्वे किया है। इस दौरान 141 घर ऐसे मिले, जहां एडीज लार्वा मिला है। 31 अगस्त को एक युवा कारोबारी की डेंगू से मौत हुई थी। 2 दिन पहले एक और महिला की मौत हुई। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद ये दावा किया कि महिला की मौत डेंगू नहीं, किसी अन्य बीमारी की वजह से हुई थी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ डाक्टर भवतोष शंखधर (Bhavatosh Shankhadhar) ने बताया कि एमएमजी और संयुक्त जिला चिकित्सालय सहित सभी सीएचसी और पीएचसी में डेंगू (Dengue) वार्ड पहले से बने हुए हैं।
नोएडा में मई से लेकर अब तक डेंगू (Dengue) के 323 मरीज मिल चुके हैं। यहां 3 सितंबर को होम्योपैथी डा. 28 वर्षीय अक्षिता सिंह की मौत हो गई थी। पहले इनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। फिर रैपिड टेस्ट में डेंगू रिपोर्ट भी पाॅजिटिव आई। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इससे 3 दिन पहले नोएडा के हर्ष गर्ग उर्फ गुल्लू की गुरुग्राम के आर्टेमिस अस्पताल में डेंगू से मौत हो गई थी।
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाईराइज सोसाइटीज में भी डेंगू (Dengue) के केस लगातार मिल रहे हैं। करीब 15 सोसाइटी में 80 से ज्यादा केस निकल चुके हैं। अजनारा होम्स और पंचशील हाइनिश सोसाइटी में 20-20 केस डेंगू के हैं। नोएडा के जिला मलेरिया अधिकारी डाक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि डी-स्ट्रेन के मरीजों में प्लेटलेट्स की भारी कमी होती है। शरीर पर लाल चकत्ते बनने शुरू हो जाते हैं और ब्लीडिंग भी होती है। यानी ये डेन-2 डेंगू मरीजों के लिए ज्यादा घातक साबित होता है।
यूपी सरकार ने 12 सितंबर को डेंगू (Dengue) मरीजों के आंकड़े जारी किए हैं। इसके अनुसार, गौतमबुद्धनगर में 403, गाजियाबाद में 319, कानपुर में 225, मेरठ में 175, लखनऊ में 151, मुरादाबाद में 137 मामले सामने आए थे। संभल और बुलंदशहर जिले में डेंगू (Dengue) का आउट ब्रेक आ रहा है। इसी साल 15 मई को स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (Unified Disease Surveillance Portal) लाॅन्च किया है। इसी पोर्टल के जरिए डेंगू (Dengue) की माॅनिटरिंग हो रही है। सरकार ने 12 सितंबर को जो आंकड़े जारी किए हैं, वे स्थानीय जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से थोड़ा अलग हैं। उप्र शासन ने गौतमबुद्धनगर में 7 सितंबर तक डेंगू मरीजों की संख्या 403 बताई है, जबकि गौतमबुद्धनगर का स्वास्थ्य विभाग 12 सितंबर तक कुल संख्या ही 323 बता रहा है। इसी प्रकार गाजियाबाद के आंकड़ों में भी अंतर है।
डेन-2 स्ट्रेन कितना खतरनाक
स्वास्थ्य विभाग मेरठ मंडल (Health Department Meerut Mandal) के डिविजनल सर्विलांस ऑफिसर डा. अशोक तालियान (Ashok Talian) ने बताया कि डेन-2 स्ट्रेन से प्रभावित मरीजों को बुखार, जोड़ों का दर्द, आंखों के पास दर्द शुरू होने लगता है। शरीर पर लाल रंग के चकत्ते बन जाते हैं। प्लेटलेट्स तेजी से घटती हैं। फिर इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। अगर इसी दौरान डेन-2 के मरीज को हैमरेजिक बुखार हो जाए तो ये और खतरनाक हो जाता है। इसकी वजह से कई आर्गन पर असर पड़ता है। मरीज को शाॅक सिंड्रोम भी हो जाता है। इसकी वजह से नब्ज गिरने लगती है। मरीज को बेहोशी आ जाती है। अचानक से शरीर में तेज दर्द होता है। इसका असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है। ऐसे में मरीज की हालत बिगड़ने लगती है।