
अजय सिंह के एसएसपी बनने के बाद बदली दून पुलिस की कार्य प्रणाली
दरोगा के पेट में गोली मारने वाला भी लंगड़ा होने में शामिल
गौकशी करने वाले सहारनपुर के गौकशों पर भी पुलिस की गोली भारी
मकान पर डकैती डालने का आरोपी भी पुलिस की गोली से हुआ जख्मी
आखिर कैसे चुक रहा खाकी वर्दीधाारियाें का निशाना, पैर हो रहे लहुलूहान
देहरादून,मयूर गुप्ता (Shah Times) । मित्र पुलिस की छवि को आमजनमानस और देश विदेश से आने वाले लोगों के दिलों-दिमाग पर अलग ही छाप छोड़ने का काम करने वाले पुलिसकर्मी अब डकैतों और कहीं-कहीं पुलिस पर भारी पड़ने वाले बदमाशों पर अब खाकीवर्दीधाारी भारी पड़ने लगे है और उसका सबसे बड़ा कारण है जिले के पुलिस कप्तान के रूप में कार्यभार गृहण करने वाले तेजतर्रार एसएसपी अजय सिंह।
पहले दिन से ही उन्होंने अपनी कार्य प्रणाली से अपने अधीनस्थों से साक्षात्कार कर डकैतों और बदमाशों पर मित्र पुलिस के जवानों को कहर बनकर टूटने के निर्देश दिए गए थे। उसी के फ़लस्वरूप दून पुलिस की गोली विगत वर्ष 9 सितंबर से लेकर 15 अप्रैल 2024 तक आठ डकैतों और बदमाशों को लंगड़ा कर चुकी है।
विगत वर्ष सितंबर माह के दूसरे सप्ताह में देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधाीक्षक का पदभार संभालने के बाद अजय सिंह ने जनपद के दोनों पुलिस अधीक्षकों और सभी क्षेत्रधिकारियों के अलावा सभी कोतवाली प्रभारी निरीक्षकों और थानाधयक्षों को बैठक कर निर्देश दिए थे कि आमजनमानस और लोगों के अलावा देश-विदेश से आने वाले लोगों के दिलों दिमाग पर मित्र पुलिस की छवि वाला पोस्टर लगा रहे और आम आदमी को खाकीवर्दी के भेष में छिपे इंसान को बाहर लाकर उनकी मदद करने का काम करें। लेकिन एसएसपी ने कार्यभार गृहण के दौरान अपने अधाीनस्थों को वह सभी बाते सांझा की थी जिसके लिए वह जाने जाते है।
बैठक के दौरान स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद दून पुलिस अधिाकारियों ने अपने कार्य प्रणाली में बदलाव लाना प्रारंभ किया और गुण्ड़े, माफियाओं गैंगस्टरों, लुटेरों और चोरों पर मित्र पुलिस के अधिकारी और जवान कहर बनकर टूट पड़े और देखते ही देखते पुलिस की पकड़ से बाहर वांछित और ईनामी बदमाश सलाखों के पीछे भेजे जाने लगे।लेकिन दून पुलिस ने अपना असली चेहरा उस समय डकैतों और लुटेरों के अलावा गोकशी करने में शामिल गोकशों को दिखाना प्रारंभ कर दिया जब उनकी एक के बाद एक वारदातों में सम्मिलित होने की बाते सामने आने लगी।
अजय सिंह के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करने और जनता के दिलों-दीमांग पर खाकी का वह चेहरा सामने लाया गया जिसकों लोग बदमाशों के लिए काल का नाम देते है।
दून पुलिस की बदमाशों से पहली मुठभेड़ 9 दिसंबर 2023 को उस समय हुई जब शहर कोतवाली में संगीन धााराओं में दर्ज मुकदमे के एक आरोपी का प्रेमनगर पुलिस से आमना सामना हो गया। पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक बदमाश विक्रम कुमार कुशवाह पुत्र राम प्रवेश कुशवाह निवासी ग्राम पानापुर दिलावरपुर थाना बिदुपुर जनपद वैशाली बिहार के पैर में गोली लग गई। वहीं दूसरी मुठभेड़ इसी वर्ष 21 जनवरी को बदमाशों से हुई, रायपुर थाने पर दर्ज मुकदमे के वांछित बदमाश का राजपुर पुलिस से आमना-सामना हो गया और इस आमने-सामने की जवाबी फ़ायरिंग में शुभम पुत्र प्रभुदयाल निवासी महावीर कॉलोनी थाना सिविल लाईन सोनीपत हरियाण पुलिस की गोली पैर में लग जाने से लहुलूहान हो गया था।
4 फ़रवरी को विकासनगर पुलिस के साथ बदमाशों से हुई मुठभेड़ में दो बदमाश जहागीर अली पुत्र अजगर अली निवासी शाहिद नगर बांस वाली गली कोतवाली नगर सहारनपुर और सौरभ कश्यप पुत्र सतीश कश्यप निवासी मोहल्ला काहरान पुरानी चुंगी कोतवाली नगर सहारनपुर भी पैरों में गोली लग जाने से जख्मी हो गए थे। वहीं पटेलनगर कोतवाली में दर्ज मुकदमें के वांछित आरोपी मुस्तकीन पुत्र हनीफ़ निवासी चांदखेड़ी थाना दिलारी तहसील ठाकुरद्वारा मुरादाबाद को 10 फ़रवरी को रानीपोखरी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गोली मारकर घायल कर दिया था, गोली बदमाश के पैर में लगी थी। तो वहीं दूसरी ओर क्लेमंटाउन पुलिस ने आशारोड़ी चैक पोस्ट के समीप 24 फ़रवरी को फ़ैजान ऊर् फि़ल्टर निवासी फ़तेहपुर जनपद सहारनपुर के साथ हुई मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लग जाने से वह घायल हो गया था पुलिस की गोली से लंगडा हुआ फ़ैजान उर रहमान फि़ल्टर गौकशी के मामले में नामजद था।
21 मार्च को एक बार फि़र क्लेमंटाउन पुलिस का बदमाशों से आमना-सामना हो गया था। इस मुठभेड़ में ऋषिकेश कोतवाली में अंकित मुकदमे का आरोपी मनोज सिरोही पुत्र देवेंद्र सिरोही निवासी आदर्श नगर थाना कंकडखेड़ा मेरठ पैर में गोली लग जाने से घायल हो गया था। इस दौरान क्लेमंटाउन पुलिस की बसंत विहार थाना क्षेत्र के गांव डूंगा में एक मकान पर पड़ी डकैती के एक आरोपी के साथ मुठभेड़ हो गई जिसमे एक बदमाश ओमवीर सिंह पुत्र राजपाल सिंह निवासी सेवलाकला कोतवाली पटेलनगर मूल निवासी ग्राम हसनपुर मदनपुर थाना भगवानपुर जनपद हरिद्वार पैर में गोली लग जाने से घायल हो गया था।
लूट और डकैती के अलावा गौकशी के मामले में पुलिस की आंखों में घूल झोंककर फ़रार चल रहे आरोपियों को जहां पर छिपे थे उन बिलों से बाहर निकालने के बाद उनसे हुई मुठभेड़ के बाद वह पुलिस की गोली का निशाना बन गए। लेकिन यहां पर सवाल यह उठता है कि आखिरकार पुलिस का निशाना कैसे चुकने लगा। कुछ समय से देखने में आ रहा है कि उत्तर प्रदेश हो या फि़र उत्तराखंड की मित्र पुलिस हो हर किसी की बदमाशों से हो रही मुठभेड़ के बाद गोली बदमाश के शरीर के अन्य किसी हिस्से से न टकराकर उसके पैरों को ही जख्मी कर रही है। अधिाकतर पुलिस की गोली बदमाशों के दाहिने पैर को ही जख्मी कर उसकों सदा-सदा के लिए जख्मी कर रही है।