
Haji Iqbal Bala shahtimesnews
मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक आखरी कुर्की ऑर्डर जारी किया था, इसके बाद इकबाल बाला की 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया है।
लखनऊ ,(Shah Times) । उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वक्त से मुल्जिमों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इकबाल उर्फ बाला की 4 हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूनीवर्सिटी की 4,440 करोड़ रुपए की कीमत की इमारत और जमीन कुर्क की है।
जानकारी के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक आखरी कुर्की आदेश जारी किया था, इसके बाद 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर दर्ज हैं, इन पर इकबाल उर्फ बाला और उनके परिवार के सदस्यों का कंट्रोल था।
हाजी इकबाल उर्फ बाला, ट्रस्ट और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी है। ईडी के अनुसार, पूर्व एमएलसी फरार है। माना जा रहा है कि वह दुबई में है। मोहम्मद इकबाल के चार बेटे हैं। बेटों और भाई के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो जेल में बंद हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रेत खनन, लीज के अवैध नवीनीकरण और कई खनन लीज धारकों, कुछ अधिकारियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली में दर्ज सीबीआई एफआईआर से जुड़ा है।
सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन हाजी इकबाल उर्फ बाला समूह के पास था। ये फर्म सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं। ईडी ने कहा कि आईटीआर में मामूली आय दिखाने के बावजूद खनन फर्मों और मोहम्मद इकबाल के समूह की कंपनियों के बीच बिना किसी कारोबारी संबंध के करोड़ों के लेन-देन पाए गए हैं।