भीषण गर्मी की वजह से उत्तरी राज्यों में बिजली की मांग पीक पर

उत्तर प्रदेश में अधिकतम बिजली की मांग 29000 मेगावाट, राजस्थान में 17000 मेगावाट, पंजाब में 14000 मेगावाट, हरियाणा में 12000 मेगावाट और दिल्ली में 8300 मेगावाट को पार कर गई।

जालंधर (Shah Times)। उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग पीक पर पहुंच गई है। गत 30 मई को उत्तरी क्षेत्र बिजली की मांग 86.7 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर और अधिकतम खपत 250 गीगावाट तक पहुंच गई।पंजाब में बिजली की मांग पिछले साल की अधिकतम मांग 11987 मेगावाट के मुकाबले 14509 मेगावाट तक पहुंच गई है। मई में बिजली की मांग पिछले साल से 20 फीसदी से अधिक बढ़ी है।

पंजाब स्टेट पावॅर कार्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) द्वारा औसत दैनिक आपूर्ति भी पिछले साल की 1700 लाख यूनिट प्रतिदिन की आपूर्ति के मुकाबले करीब 37 फीसदी बढ़कर 2338 एलयू प्रतिदिन हो गई है। पिछले साल 23 मई को पीएसपीसीएल द्वारा की गई अधिकतम दैनिक बिजली आपूर्ति 2333 लाख युनिट थी और इस साल 31 मई को बिजली आपूर्ति 2839 लाख युनिट तक पहुंच गई है।पड़ोसी राज्य हरियाणा में 24 मई को राज्य में अधिकतम बिजली की मांग 12336 मेगावाट रही, जबकि पिछले साल 23 मई को यह मांग 9975 मेगावाट थी। इस साल मई में अधिकतम बिजली की मांग में 23 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।

यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन द्वारा इस साल आपूर्ति 68390 एलयू है, जबकि पिछले साल मई में यह 50980 एलयू थी। हरियाणा में बिजली कंपनियों द्वारा की गई बिजली आपूर्ति में 33 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन द्वारा 31 मई को 2596 लाख यूनिट की अधिकतम आपूर्ति की गई, जबकि पिछले साल 23 मई को 2054 एलयू की आपूर्ति की गई थी।

इस महीने के दौरान उत्तर प्रदेश में अधिकतम बिजली की मांग 29000 मेगावाट, राजस्थान में 17000 मेगावाट, पंजाब में 14000 मेगावाट, हरियाणा में 12000 मेगावाट और दिल्ली में 8300 मेगावाट को पार कर गई।ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रवक्ता वी के गुप्ता के अनुसार , इन राज्यों में बिजली की कुछ कमी की सूचना मिली है क्योंकि ट्रांसफॉर्मर और केबल सहित वितरण और ट्रांसमिशन नेटवर्क के ओवरलोड और अत्यधिक गर्म होने के कारण स्थानीय ब्रेकडाउन के कारण आपातकालीन लोड शेडिंग और आउटेज की शिकायतें बनी हुई हैं।

कागजों पर, इन राज्यों में बिजली की कोई कमी नहीं है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति अलग है क्योंकि हर दिन अलग-अलग जगहों से बिजली कटौती की खबरें आती रहती हैं।गत 30 मई को भारत में बिजली की मांग ने नया रिकॉर्ड बनाया। बिजली की अधिकतम खपत 250 गीगावाट तक पहुंच गई।

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