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पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार पर विकास और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हजारों हरे पेड़ों को काटने का आरोप लगाया, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
Dehradun ,(Shah Times) । पेड़ों को काटने से बचाने के लिए देहरादून में दिलाराम चौक से सेंट्रियो मॉल तक पर्यावरण बचाओ पदयात्रा निकाली। हजारों की संख्या में पर्यावरण प्रेमी और आम लोग सड़कों पर दिखाई दिए पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार विकास और सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हजारों हरे-भरे पेड़ों को काट रही है जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
दरअसल कैंट रोड चौड़ीकरण के लिए सैकड़ो पेड़ काटने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसके बाद लोग इसके विरोध में आ गए और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन सभी पेड़ों के काटने पर रोक लगानी पड़ी। इसके बाद भी पर्यावरण प्रेमियों का विरोध थम नहीं रहा है। लोगों का कहना है कि कैंट रोड के अलावा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कई स्थानों पर हजारों पेड़ों को काटने का प्रस्ताव है।इससे पहले खलंगा में हजारों हरे भरे पेड़ काटने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि उस पर रोक लगा दी है।
पेड़ों और बगीचों के कटने से देहरादून का बढ़ रहा है तापमान
पर्यावरण विद् रवि चोपड़ा ने कहा कि विकास के नाम पर पेड़ों को काटना किसी भी तरह से उचित नहीं है। इससे देहरादून समेत आसपास के क्षेत्र की हरियाली खत्म हो रही है और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। पेड़ों और बगीचों के काटने से देहरादून का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि इसी तरह से पेड़ कटते रहे तो इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले वक्त में यह तापमान 50 दिन से भी ऊपर पहुंच जाए। इसलिए हमें सबको एक होकर पेड़ों को काटने से बचना होगा।
पर्यावरण को बचाने के लिए नए पेड़ लगाने की जरूरत
पदयात्रा में शामिल हुए समाजसेवी अनूप नौटियाल ने कहा कि विकास के नाम पर हर बड़े पेड़ों की बलि चढ़ाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। सरकार को इसके लिए कुछ अलग उपाय निकालना चाहिए। ताकि पेड़ भी ना कटे और विकास भी हो सके। उन्होंने कहा कि पेड़ों के कटान से नदी-नाले सुख रहे हैं और हमारे जल स्रोत भी पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। बढ़ते तापमान को रोकने के लिए नए पौधे लगाने होंगे और पुराने पेड़ों की रक्षा करनी होगी। ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे।