खास मुलाकातः सौरभ बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री, के साथ

Interview with Saurabh Bahuguna

बीजेपी पृष्ठभूमि नहीं काबिलियत देखकर देती है जिम्मेदारीः सौरभ

रिपोर्ट- एम. फहीम ‘तन्हा’

देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक युवा और ऊर्जावान मंत्री के तौर पर चर्चित हैं। धामी मंत्रिमंडल में युवा चेहरे भी शामिल हैं। आज खास मुलाकात में बात की है युवा कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा से। वे पशुपालन,मत्स्य, दुग्ध विकास, डेयरी, गन्ना व चीनी उद्योग और सेवा योजना रोजगार विभागों के मंत्री हैं।

प्रश्न.1- सरकार में मंत्री बने हुए वर्ष से ज्यादा का समय हो चुका है, अब कितना संतुष्ट हैं अपने कार्यकाल से?
उत्तर- केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व का धन्यवाद है कि मुझे सेवा करने का मौका दिया है। मैं अपने विभागों पशुपालन, दुग्ध व डेयरी विकास, मत्स्य, गन्ना चीनी, रोजगार, कौशल विकास में हुए अपने एक-सवा साल के कार्यकाल से संतुष्ट हूँ। मेरे विभागों में कई अच्छे काम हुए हैं, विभागों में जनहित के अभी कई निर्णयों को आगे बढ़ाना है।

प्रश्न.2- लोकसभा चुनाव भी हैं आगे, मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हो रही है। केंद्र से कोई दबाव है परफॉर्मेंस को लेकर?
उत्तर-
देखिए समीक्षा होनी भी चाहिए, मुख्यमंत्री मंत्री जी ने मंत्रियों को जिम्मेदारी दी है तो मुख्यमंत्री के सामने अच्छे काम जाने चाहिए। सबकी कलेक्टिव जिम्मेदारी है, तभी सरकार की छवि जनता के बीच में जाती है। केंद्रीय नेतृत्व को किसी पर ऐसा दबाव बनाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि सबको  पता है कि हमें जिम्मेदारी दी गई है तो अच्छे काम करने के लिए दी गई है। मैं हरिद्वार के दौरे पर होकर आया हुं। गन्ना किसानों का बहुत नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री जी भी गए थे, सरकार दुख में सबके साथ खड़ी है।

प्रश्न.3- इस वर्ष की शुरुआत में सीएमआईई की रिपोर्ट में बेरोजगारी दर 2.2 फीसदी थी। कितना संतुष्ट हैं आप इस स्थिति से? उधर सेवायोजन कार्यालय में करीब 8 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं?
उत्तर-
मैं इन 8 लाख को बेरोजगार पंजीकृत नहीं कहूंगा क्योंकि ये 1992 से बेरोजगार पंजीकृत है। कोई यहां आकर सूचित नहीं  करता है कि उसकी नौकरी या रोजगार लग गया है। हम सेवायोजन को एक आउटसोर्स एजेंसी बनाने की तैयारी में हैं, जल्दी ही सेवायोजन एक आउट सोर्सिंग एजेंसी बनकर काम करेगा। तब विभागों की नौकरियां सेवायोजना के द्वारा होंगी तो पंजीकृत युवाओं को नौकरियों की संभावनाएं बढ़ेंगी। आने वाले दिन इन्वेस्टर्स समिट भी होने वाला है ये भी रोजगार में बहुत महत्वपूर्ण होगा आगे चलकर। राज्य सरकार बेरोजगारी दर को कम करने के लिए निरंतर काम कर रही है।

प्रश्न.4- किस सेक्टर में ज्यादा रोजगार की संभावनाएं देखते हैं आप?
उत्तर-
कई सेक्टर हैं रोजगार के। पर्यटन है, उद्योग  है, पशुपालन, मत्स्य विभाग है। मत्स्य से इस वर्ष  हमने 4 हजार परिवारों  को जोड़ा है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधारनी है तो इस प्राईमरी सैक्टर पर ही काम करना है। हमने दुग्ध विकास से करीब 60 हजार परिवारों को जोड़ा है। 18 हज़ार परिवार पशुपालन विभाग से जुड़े हैं। सभी सेक्टर रोजगार उपलब्ध कराने वाले हैं।

प्रश्न.5- लेकिन आंचल डेयरी तो मजबूती से खड़ी नहीं हो पा रही, आइसक्रीम भी कहीं दमदार तरीके से दिखाई नहीं दे रही है, कितनी बड़ी चुनौती है?
उत्तर-
निश्चित तौर पर 22 वर्षों में आंचल ब्रांड अपेक्षाकृत मजबूत नहीं हो पाया है। लेकिन मुझे अभी एक-सवा साल हुआ मंत्री बने और हमने अपने आंचल कैफे को प्रसिद्ध कर दिया है। हमको करीब डेढ़  लाख रुपये महीने की तो सिर्फ किराए से ही आमदनी हो रही है। पिछले तीन महीने में हमने आईस्क्रीम से ही करीब 60 लाख रुपये की आमदनी की है। इसका मतलब है कि अब लोग पसंद कर रहें, क्योंकि क्वालिटी में सुधार हुआ है, लोकल ब्रांड है लोग इसको अपनाएंगे, आगे बड़ी सफलता मिलेगी।

प्रश्न.6- बाजपुर चीनी मिल की आसवानी को पीपीपी मोड में रखने को लेकर विरोध हो रहा है, ऐसा क्यों है?
उत्तर-
हमने उसमें तीन बार टेंडर कर दिया है, जोकि अभी भी अस्तित्व में है। लेकिन अभी तक इसमें लेने कोई नहीं आया है। मामले में नेता प्रतिपक्ष भी मुख्यमंत्री से मिले थे। देखिए, जब तक प्राइवेट मोड कोई पार्टी आसवानी लेने नहीं आ रहा है तो तब तक सरकार ने  30 करोड़ की गारंटी खुद ही उठा रखी है। सरकार उसको चलाएगी।

प्रश्न.7- आप स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के पौत्र हैं, क्या राजनीतिक विरासत से कामकाज को समझने और जिम्मेदारी को निभाने में कुछ परिवार के तजुर्बे का लाभ मिलता है?
उत्तर-
हाँ, राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि से कामकाज और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में उनके तजुर्बे का लाभ मिलता है। मैंने परिवार के लोगों को काम करते हुए देखा है। वो पब्लिक डीलिंग कैसे करते हैं, अफसरों से कैसे काम लेना है, सरकार और सार्वजनिक जीवन में कैसे आचरण रखना है ये सीखने को मिलता है। लेकिन कोई ये कहे कि राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि के कारण ही सब कुछ मिल जाता है ऐसा बिल्कुल नहीं है।

प्रश्न.8- आपको मंत्री बनने की पहले से ही उम्मीद थी या कुछ प्रयास भी करने पड़े?
उत्तर-
राजनीति में आगे बढ़ने की उम्मीद तो सभी करते हैं, लेकिन मैंने कोई मंत्री बनने के लिए भागदौड़ नहीं की है। ये भारतीय जनता पार्टी संगठन की खूबी है कि पार्टी में काबिलियत को देखा जाता है। केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व का आभार है कि मुझे 42 वर्ष की आयु में मंत्री बनाकर प्रदेश की सेवा करने का मौका दिया है। कोशिश करता हूँ कि अपने काम को पूरी जिम्मेदारी और निष्ठा से करूं ताकि न तो सरकार का नाम खराब हो, ना पार्टी का नाम खराब हो और ना ही मेरा परिवार का नाम खराब हो।

प्रश्न.9- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए क्या कहेंगे, कैसा है उनका काम करने का तरीका?
उत्तर-
मुख्यमंत्री धामी में मैंने एक बात देखी है, जो मैंने अपने पिताजी में भी देखी थी कि जिस काम के लिए हां है फिर उसमें समय नहीं लगता है। जैसे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लोगों को घुमाने का काम करते थे। हरीश रावत लोगों को अपने पास चक्कर लगाने में विश्वास रखते थे। यहीं से उनका (हरीश रावत का) डाउन फॉल भी हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी की ये क्वालिटी है कि वे किसी को बेवकूफ बनाने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं। वे मेहनती हैं, छवि अच्छी है, करप्शन का कोई लांछन नहीं हैं, मैं 10 नंबर में से 9 नंबर दूंगा धामी जी को।

प्रश्न.10- इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार की बहुत चर्चा हो रही है। आपको लगता है कि जल्दी होना चाहिए विस्तार, इससे सरकार के कामकाज में लाभ मिलेगा?
उत्तर-
देखिए, मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री जी का विशेषाधिकार है। मैं इसमें कुछ टिप्पणी नहीं करूंगा। वो जो फैसला लेंगे सोच समझ कर लेंगे। लेकिन ये बात तो है कि सरकार में हेल्पिंग हैंड ज्यादा होते हैं तो कामकाज पर भी फर्क पड़ता है।

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