
एसडीएम ने राहत चौपाल लगा कर ग्रामीणों को किया जागरूक
नरौरा से छोड़ा गया 2,02,578 क्यूसेक पानी कछला में खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही गंगा
सहसवान। गंगा में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा लगातार बढ़ने से क्षेत्र में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। गंगा महावा बांध के उस पार बसे गांव भमरौलिया (Bhamraulia), वीर सहाय नगला (Veer Sahay Nagla), परशुराम नगला (, Parshuram Nagla), खागी नगला (Khagi Nagla) में बाढ़ का पानी भर गया है। इसके बावजूद अधिकांश ग्रामीण गांव में है और बहुत सारे ग्रामीणों ने गंगा महाबा बांध पर तिरपाल आदि की झोपड़ियां बनाकर वहां शरण ले ली है। इधर, एसडीएम प्रेमपाल सिंह (SDM Prempal Singh) ने पूर्ति निरीक्षक प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar), एडीओ पंचायत दहगवां (ADO Panchayat Dahgawan), ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ गांव चौकीदार की मढ़ैयां और टोंटपुर करसरी में राहत चौपाल का आयोजन किया। चौपाल में लोगों को बाढ़ से बचाव के संबंध में जागरूक किया गया। साथ ही बाढ़ के दौरान सतर्कता बरतने को कहा गया।

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नरौरा बैराज (Narora Barrage) से गंगा (Ganga) में अब तक का सर्वाधिक दो लाख दो हजार 578 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे पहले से उफनाई गंगा में और उफ़ान आ गया। बांध के उस पार बसे चारों गांव टापू बने हुए हैं और गांव में भी बाढ़ का पानी भर गया है। अधिकांश ग्रामीणों ने बांध पर त्रिपाल की झोपड़ी आदि बनाकर वहां सरवन लेनी शुरू कर दी। साथ ही अपने पशुओं को भी गांव में ऊंचे स्थानों अथवा बांध पर बांध दिया है। जलभराव की स्थिति बनी रहने से मक्का, बाजरा आदि की फसलों पर नष्ट होने का खतरा मंडराने लगा है। एसडीएम ने बताया कि ग्रामीणों को आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था की गई है। साथ ही उनसे प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविर में शरण लेने की अपील की गई है।
संवाददाता डाo राशिद अली खान सहसवान बदायूं